RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में करीब 2000 से अधिक के शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) शिकंजा कसता जा रहा है। इस बीच, पूर्व आबकारी मंत्री और विधायक कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद उनकी जेड श्रेणी की सुरक्षा हटा दी गई है। दरअसल, गिरफ्तारी के बाद उन्हें जब कोर्ट में पेश किया गया था, तब सिक्योरिटी साथ में थी, लेकिन अब उसे हटा दिया गया है। इस बीच ईडी ने लखमा के सीए को तलब किया था, लेकिन शहर से बाहर होने की वजह से वे नहीं आए।
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बताया गया कि कई आबकारी अधिकारियों के खिलाफ सबूत मिले हैं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। ईडी उनसे पूछताछ भी कर चुकी है। पूर्व मंत्री के बेटे और पत्नी के खातों में जमा हुए पैसों का ट्रांजेक्शन रिकाॅर्ड भी चेक किया जा रहा है। पूर्व मंत्री लखमा पर शराब की पॉलिसी बदलने के एवज में हर महीने 2 करोड़ मिलने का आरोप है। ईडी की टीम 2020 के बाद से लखमा, उनकी पत्नी और बेटे हरीश सहित परिवार के अन्य सदस्यों के बैंक खातों में ट्रांसफर होने वाली रकम का रिकार्ड चेक कर रही है। ये देखा जा रहा है कि कब-कब और कितने पैसों का ट्रांजेक्शन किया गया है।
शराब घोटाले के पैसों के लेन-देन में पूर्व मंत्री के पीए जयंत देवांगन से पूछताछ की जा चुकी है। इस दौरान पीए की सीधी भूमिका सामने आई है। पूर्व मंत्री के पीए केंद्र सरकार के राष्ट्रीय भाषा विभाग में कार्यरत थे। वे यहां डेपुटेशन पर आए और जनसंपर्क में पदस्थ किए गए। वहीं से उन्हें आबकारी मंत्री का पीए बनाया गया था। इनके अलावा आबकारी अधिकारी कन्हैया लाल कुर्रे और जगन्नाथ के खिलाफ भी ईडी अहम जानकारी मिली है। दोनों से पूर्व में पूछताछ की जा चुकी है। जानकारों के अनुसार इन तीनों के अलावा शराब सिंडिकेट में शामिल कुछ लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। हालांकि अभी सब जांच के दायरे में है।