RAIPUR NEW. छत्तीसगढ़ भाजपा मंडल चुनाव में विवाद के बाद जिला अध्यक्षों की घोषणा में सतर्कता बरत रही है। विरोध और विवाद की आशंका में भाजपा जिला अध्यक्षों की सूची दिल्ली में फाइनल होने की बाद अटकी हुई है। इसको लेकर बयानबाजी का दौर भी चल रहा है।
छत्तीसगढ़ में इन दिनों भारतीय जनता पार्टी का संगठन चुनाव का महापर्व चल रहा है । जिला अध्यक्षों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने रायपुर में सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, जिले के वरिष्ठ नेताओं और संगठन के पदाधिकारियों की मौजूदगी में विचार विमर्श कर हर जिले से 3, 3 नामों का पैनल तैयार किया । इन नामों को लेकर केंद्रीय चुनाव प्रभारी के साथ छत्तीसगढ़ के प्रमुख नेताओं की चर्चा भी हुई ।
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मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में सभी जिलों के अध्यक्षों का नाम तय कर लिए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी अब तक इसकी घोषणा नहीं हुई है । प्रदेश संगठन चुनाव प्रभारी खूबचंद पारख और प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव का कहना है कि लगभग सभी जिलों में एक नाम तय कर लिए गए हैं । इसके बावजूद हर जिले में जिला अध्यक्ष के लिए चुनावी प्रक्रिया अपनाई जाएगी । इसके लिए जिला संगठन चुनाव प्रभारी जिले में विधायक, पूर्व विधायक, वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक लेंगे और बैठक के दौरान पूरी चुनावी प्रक्रिया होगी और फिर अध्यक्ष का नाम घोषित किया जाएगा ।
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वहीं कांग्रेस का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की गुटबाजी संगठन चुनाव में खुलकर उजागर हुई है । भाजपा का हर नेता अपनो को पद दिलवाने के लिए आपस में लड़ रहा है। कांग्रेस के पूर्व संसदीय सचिव विकास उपाध्याय का कहना है कि भाजपा अपने जिला अध्यक्षों की घोषणा कर भी नहीं पाएगी क्योंकि उन्हें अच्छे से मालूम है कि घोषणा होते ही भाजपा में सिर फुटव्वल शुरू हो जाएगा।
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बहरहाल भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्षों के चयन में जिस तरह से सतर्कता बरत रही है उससे ऐसा लगता है कि नए अध्यक्षों के लिए अभी और इंतजार करना होगा ।