BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज मामले में दायर याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। रूंगटा फाउंटेशन भिलाई की ओर से याचिका प्रस्तुत की गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस गौमत भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की बेंच ने इस याचिका को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया है।
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बता दें, रूंगटा फाउंडेशन भिलाई ने चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज दुर्ग के हितों की रक्षा के लिए एक सिस्टम या योजना तय करने के लिए राज्य अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की थी।
साथ ही यह भी राहत मांगी कि अधिनियम 2021 की धारा 4, 5 और 9 के प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित किया जाएगा। संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम 1882 की धारा 100 के प्रावधानों के लिए शुरू से ही शून्य और अधिकारातीत घोषित किया जाएगा।
याचिकाकर्ता एक धर्मार्थ शैक्षणिक संस्थान है और सोसायटी विभिन्न संस्थान चलाता है। प्रतिवादी नंबर 3 चंदूलाल मेडिकल अस्पताल कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के तहत निगमित कंपनी है और एक मेडिकल, डेंटल और फार्मेसी कॉलेज और 750 बिस्तरों वाला एक अस्पताल भी चला रही है।
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कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि राज्य द्वारा बनाई गई विधायिका कानून बनाकर न्यायालय के आदेशों को खारिज नहीं कर सकती और नयायिक घोषणाओं को रद नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आक्षेपित अधिनियम द्वारा जो किया गया है है वह स्पष्ट रूप से न्यायिक शक्तियों का उल्लंघन है। कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।