RAIPUR. छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद अब लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। आचार संहिता लगने से पहले भाजपा ने अपनी रणनीतियों पर अमल करना शुरू कर दिया है तो वहीं चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों के नाम भी सामने आ रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि कुछ सीटों पर नाम लगभग तय है और समय आने पर BJP अपने पत्ते खोलेगी।
लोकसभा चुनाव होने में अभी दो महीने का समय बचा है। संभावना है कि मार्च में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता की घोषणा हो जाए, लेकिन ऐसी चर्चा है कि बीजेपी की रणनीति आचार संहिता से पहले ही कुछ सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने की है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी पार्टी ने 18 सीटों पर पहले ही प्रत्याशी घोषित कर सभी राजनीतिक दलों को चौका दिया था। लोकसभा चुनाव में भी कुछ ऐसा ही होने के संकेत मिल रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा और कोंडागांव जिले में चुनावी सभा का शंखनाद कर दिया है। इसके साथ ही लोकसभा के प्रत्याशियों के नाम भी सियासी गलियारों में सामने आ रहे हैं। भगवान श्रीराम और मोदी लहर में दावेदार चुनावी नैय्या पार करने जुगाड़ लगा रहे हैं, लेकिन पार्टी ने कुछ सीटों पर नाम भी तय कर लिया है। इसमें रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर और कोरबा जैसी महत्वपूर्ण लोकसभा सीट शामिल हैं।
बिलासपुर से OBC या ब्राह्मण उम्मीदवार
रायपुर लोकसभा में वर्तमान सांसद सुनील सोनी के अलावा आरएसएस से जुड़े पूर्णेंदु सक्सेना, दुर्ग से वर्तमान सांसद विजय बघेल, राजनांदगांव से पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, कोरबा से रणविजय सिंह जूदेव के नाम लगभग तय माना जा रहा है। यह भी हो सकता है कि इनका लोकसभा क्षेत्र बदल जाए। वहीं बिलासपुर संसदीय सीट से ओबीसी या ब्राह्मण समाज से किसी एक को टिकट दिए जाने की बात सूत्र बता रहे हैं।
विधानसभा में कम सीट वाले क्षेत्रों पर फोकस
कांकेर में रामयणी सांसद मोहन मंडावी के अलावा पूर्व अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष देवलाल दुग्गा के नाम की भी चर्चा है। राजनीति के जानकार यह भी बता रहे हैं कि भाजपा इस बार 5 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा पहले करेगी। इसमें जांजगीर-चांपा, कोरबा, महासमुंद और कांकेर लोकसभा सीट शामिल है। ऐसा इसलिए कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खाते में यहां कम सीटें आई हैं। इन लोकसभा क्षेत्रों में नए प्रत्याशी की तलाश हो रही है।
आचार संहिता से पहले आएंगे प्रत्याशी के नाम
जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट में बीजेपी-कांग्रेस के अलावा बसपा का भी प्रभाव है। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा को हार मिली थी। वहीं बस्तर लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस का सांसद है। ऐसे में भाजपा की रणनीति ऐसी सीट पर आचार संहिता लगने से पहले उम्मीदवार घोषणा करने की है, ताकि उम्मीदवारों को चुनाव अभियान के लिए लंबा समय मिल सके।
11 में से दो सीटों पर कांग्रेस का कब्जा
छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीट में से 2 सीट बस्तर और कोरबा लोकसभा कांग्रेस के कब्जे में हैं। बाकी 9 लोकसभा सीट भाजपा के पास है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद 9 सीट जीत गई थी। इस बार विधानसभा चुनाव जीतकर लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है। पार्टी सभी 11 सीट जीतने ताकत झोंक रही है। चुनाव से पहले बीजेपी बूथ स्तर को मजबूत करने के साथ बैठकें भी कर रही है।