SURGUJA. 09 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरगुजा जिले के विकासखण्ड मुख्यालय सीतापुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सीतापुर के स्टेडियम में आयोजित भव्य राज्य स्तरीय कार्यक्रम में 334.23 करोड़ रूपए की लागत के 269 विकास कार्यों का लोकार्पण किया वहीं भूमिपूजन भी किया। मुख्यमंत्री बघेल ने इन कार्यों में से 143.48 करोड़ रूपए की लागत के 136 कार्यों का लोकार्पण तथा 190.75 करोड़ रूपए की लागत के 133 कार्यों का भूमिपूजन और शिलान्यास किया।
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सीतापुर में आदिवासी संस्कृति की छवि को प्रदर्शित करता मंच तैयार किया गया था। इस भव्य कार्यक्रम में राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत 27 हज़ार से भी ज्यादा हितग्राहियों को अलग अलग सौगातें मिलीं। इसके अलावा आदिवासी संस्कृति की छवि और योजनाओं पर आधारित विशेष थीम से सुसज्जित विभागीय स्टॉलों का भी इस दौरान प्रदर्शन किया गया तथा आदिवासी परम्परा और रीति के अनुसार अद्भुत सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था।
वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज विश्व आदिवासी दिवस की गूंज ईब से इंद्रावती तक सुनाई दे रही है। साथ कहा कि कांग्रेस सरकार विगत साढ़े चार वर्षो से आदिवासी समुदाय की ही नहीं बल्कि अन्य वर्गो के हित में लगातार कार्य कर रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। प्रदेश सरकार ने गोबर खरीदी को मुमकिन कर दिखाया।
तेंदूपत्ता संग्रहन की दर को बढ़ाया
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आदिवासियों के आर्थिक- सामाजिक जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए तेंदूपत्ता संग्रहन की दर को 2500 से बढ़ाकर 04 हजार किया है, वहीं वनोपजों की खरीदी की संख्या 7 से बढ़ाकर 65 की है। इसके अलावा कोदो, रागी, कुटकी जैसे लघुधान्य फसलों को बढ़ावा देने के लिए मिलेट्स मिशन की शुरुआत की जिससे अब बड़े शहरों के बड़े होटलों में भी मिलेट्स के व्यंजन और भोजन मिलने लगा है।
आदिवासियों के हित के लिए सदैव तत्पर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों के हित और न्याय के लिए सदैव तैयार है। साथ ही कहा कि स्वामी आत्मानन्द स्कूल हो चाहे बेरोजगारी भत्ता, राजीव युवा मितान क्लब हो या सुपोषण प्रदेश सरकार ने हर दिशा में दशा सुधारने की पहल की है और उसी का परिणाम रहा है कि आज छत्तीसगढ़ मॉडल को देश में सराहा जा रहा है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में वन अधिकार पट्टे का वितरण किया गया। इसके अलावा शासकीय योजनाओं के अंतर्गत विभिन्न हितग्राहियों को हितग्राहीमूलक सामग्री एवं दस्तावेजों का वितरण एवं विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।