RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर जल संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी के क्षेत्र में परचम लहराया है। केंद्र सरकार के जल संचय-जन भागीदारी 1.0 (जेएसजेबी) पुरस्कार में रायपुर नगर निगम को पहला स्थान मिला है। वहीं, छत्तीसगढ़ को समग्र श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान मिला। रायपुर निगम ने इस अभियान में 33,082 काम पूरे किए। इसके मुकाबले हैदराबाद 14,363 काम पूरा कर दूसरे और गोरखपुर 14,331 काम पूरा कर तीसरे स्थान पर रहे। इस शानदार प्रदर्शन के लिए रायपुर निगम को 2 करोड़ रुपए का पुरस्कार मिलेगा। रायपुर के अलावा जिला स्तर पर बालोद और राजनांदगांव को भी अपनी-अपनी श्रेणी में 2-2 करोड़ रुपए मिलेंगे। राज्य में जल संरक्षण से जुड़े अब तक 4,05,563 काम पूरे हो चुके हैं। जनभागीदारी से जल संरक्षण के मामले में रायपुर पूरे देश के लिए रोल मॉडल बन कर उभरा है।
जिला स्तर पर भी छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। कैटेगरी-1 में बालोद को प्रथम स्थान, राजनांदगांव को द्वितीय स्थान और रायपुर को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। इन तीन जिलों को पुरस्कार स्वरूप ₹2-2 करोड़ की राशि प्राप्त होगी। वहीं केटेगरी 2 में महासमुंद, बलौदा बाजार और गरियाबंद को ₹1-1 करोड़ से सम्मानित किया जाएगा। कैटेगरी 3 में बिलासपुर, रायगढ़, बलरामपुर, धमतरी, सुरजपुर और दुर्ग को उनकी उत्कृष्ट भागीदारी के लिए ₹25-25 लाख के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। यह दर्शाता है कि पूरे प्रदेश में जल संरक्षण को प्राथमिकता के साथ अपनाया गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस सफलता पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित जल-संपदा की नींव है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के क्षेत्र में यह उस सामूहिक चेतना का प्रमाण है, जिसने छत्तीसगढ़ को देश के लिए एक प्रेरणा बना दिया है। प्रदेश के शहरी निकायों में भी छत्तीसगढ़ ने अपनी श्रेष्ठता स्थापित की है। रायपुर नगर निगम ने पूरे देश में शीर्ष स्थान प्राप्त करते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। यहाँ 33,082 कार्यों के माध्यम से न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा दिया गया, बल्कि इसे जन-सहभागिता आधारित शहरी विकास का मॉडल बना दिया गया। मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि को रायपुर के नागरिकों और निगम प्रशासन के सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया।
CM साय ने कहा कि यह सम्मान केवल प्रशासन का नहीं, बल्कि हर किसान, हर महिला, हर नौजवान और हर जनप्रतिनिधि का है, जिन्होंने पानी की हर बूंद को बचाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी से ही जनकल्याण संभव है और छत्तीसगढ़ ने इसे सिद्ध कर दिखाया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह उपलब्धि राज्य की ‘जन-संवाद एवं जनभागीदारी आधारित सुशासन नीति का प्रत्यक्ष परिणाम है। मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण को प्रदेश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था और दीर्घकालिक विकास का सबसे महत्वपूर्ण आधार बताया। रायपुर नगर निगम को मिले राष्ट्रीय सम्मान पर मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से निगम प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की सराहना की।
उप मुख्यमंत्री मंत्री अरुण साव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह सफलता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के विजन और रायपुर की जनता के अनुशासन का परिणाम है। हमने इस अभियान को केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि जन आंदोलन का रूप दिया है। जन भागीदारी से जल सुरक्षा का मंत्र गांव-गांव और वार्ड-वार्ड तक पहुंचाया। स्थानीय समितियों और स्वयंसेवी संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी ने इस मुहिम को नई ऊंचाई दी। यह मील का पत्थर आने वाली पीढ़ियों को ‘जल है तो कल है’का संदेश देता है।
ये भी पढ़ें: WhatsApp पर धमाकेदार फीचर, अब ग्रुप चैट में एवरीवन मेंशन म्यूट होगा, ये ऑप्शन भी मिलेगा