BILASPUR NEWS. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में करंट लगने से दो मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत के मामले ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। इस हादसे को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया और छुट्टी के दिन ही विशेष सुनवाई की। अदालत ने घटना को बेहद संवेदनशील बताते हुए अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और साफ कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस रोडमैप तैयार किया जाए।
जानकारी के मुताबिक, खुले करंट की चपेट में आने से दोनों मासूमों की मौके पर ही मौत हो गई थी। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार बिजली विभाग और प्रशासन को तार व खंभों की मरम्मत की जानकारी दी गई थी, लेकिन समय पर कार्रवाई नहीं की गई। लापरवाही के चलते मासूमों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
हाईकोर्ट ने इस मामले में बिजली कंपनी, नगर निगम और जिला प्रशासन से जवाब मांगा है। अदालत ने कहा कि यह केवल एक हादसा नहीं है, बल्कि सिस्टम की लापरवाही का परिणाम है। अगर समय रहते सुरक्षा उपाय किए जाते तो बच्चों की जान बच सकती थी। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रदेशभर में बिजली व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर समग्र कार्ययोजना बनाई जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
पीड़ित परिवार और ग्रामीणों ने भी इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि बच्चों की मौत ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया है और अब वे न्याय की उम्मीद अदालत से ही कर रहे हैं।
हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब जिला प्रशासन और बिजली विभाग की जवाबदेही तय होना तय माना जा रहा है। अदालत ने अगली सुनवाई तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।