BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने NCERT और SCERT की किताबें ही स्कूलों में अनिवार्य रूप से खरीदने और बेचने को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निजी स्कूलों को अपने छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकें चुनने और बेचने की आज़ादी है। इसे व्यवसाय की स्वतंत्रता का हिस्सा माना गया है।
बता दें, कोर्ट का यह फैसला राज्य के निजी स्कूलों के लिए राहत भरा माना जा रहा है, क्योंकि लंबे समय से यह बहस चल रही थी कि क्या केवल सरकारी बोर्ड की किताबों को ही अनुमति दी जाए। याचिकाकर्ता का तर्क था कि निजी स्कूलों द्वारा महंगी किताबें थोपकर अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। लेकिन कोर्ट ने इसे स्कूलों के प्रशासनिक अधिकार और शिक्षा के विकल्पों की स्वतंत्रता से जुड़ा विषय माना।
हाल के वर्षों में कुछ निजी स्कूलों पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वे छात्रों को विशेष प्रकाशकों की महंगी किताबें खरीदने के लिए बाध्य करते हैं। इसे लेकर कई बार अभिभावकों और संगठनों ने विरोध भी दर्ज कराया है। अब हाईकोर्ट के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि किताबों की बिक्री को रोकना या दिशा-निर्देश थोपना अदालत उचित नहीं मानती।
याचिका में मांग की गई थी कि केवल NCERT/SCERT की किताबें ही स्कूलों में पढ़ाई जाएं। कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि किताबें बेचना व्यवसाय का हिस्सा है। निजी स्कूलों को किताबें चुनने और बेचने की स्वतंत्रता है। कोर्ट के फैसले को निजी स्कूलों के हित में माना जा रहा है।