BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की याचिका पर आज हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी करते हुए 2 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
बता दें, चैतन्य बघेल ने अपनी याचिका में गिरफ्तारी को असंवैधानिक और कानून के खिलाफ बताया है। उनका कहना है कि ED ने उनके साथ कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया और बिना पर्याप्त सबूत के गिरफ्तार किया गया। याचिका में गिरफ्तारी को रद्द करने और तत्काल रिहाई की मांग की गई है।
बिलासपुर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने आज सुनवाई के दौरान ED से स्पष्ट रूप से कहा कि वे 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करें। कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि गिरफ्तारी और जांच की प्रक्रिया की वैधता पर विस्तार से विचार किया जाएगा। अगली सुनवाई की तारीख तय होने से पहले, ED को अपना पक्ष और सबूत अदालत में रखने होंगे।
जन्मदिन पर हुई थी गिरफ्तारी
18 जुलाई 2025 को, अपने जन्मदिन के दिन, चैतन्य बघेल को ED ने भिलाई स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया था। तब से अब तक वह 24 दिनों से जेल में बंद हैं। ED ने उन पर कथित रूप से शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए करोड़ों रुपये के लेन-देन में शामिल होने का आरोप लगाया है।
क्या है मामला?
छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला पिछले कई वर्षों से चर्चा में है। आरोप है कि सरकारी और निजी शराब दुकानों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई, जिससे राज्य को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हुआ। ED का दावा है कि इस घोटाले में कई प्रभावशाली लोग शामिल हैं और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए काले धन को वैध बनाने की कोशिश की गई।
राजनीतिक हलचल
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद से छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मची हुई है। कांग्रेस नेताओं ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है, वहीं भाजपा का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।