BILASPUR NEWS. बिलासपुर स्थित मिशन अस्पताल को 30 दिन के भीतर खाली करना होगा। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद प्रशासन ने अस्पताल प्रबंधन को 48 घंटे के भीतर बेदखली का नोटिस जारी कर दिया था। अब हाईकोर्ट ने उन्हें 30 दिन की मोहलत दी है, ताकि अस्पताल संचालन बंद कर परिसर को प्रशासन के हवाले किया जा सके।
प्रकरण को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा था। मिशन अस्पताल की ओर से हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिसमें परिसर खाली करने के नोटिस को चुनौती दी गई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया कि भूमि पर अस्पताल का कोई वैध अधिकार नहीं है।
दरअसल, मिशन अस्पताल जिस जमीन पर संचालित हो रहा था, उस पर अस्पताल प्रबंधन का वैध स्वामित्व नहीं पाया गया। यह भूमि सरकारी रिकॉर्ड में शासकीय बताई गई है। इसी आधार पर जिला प्रशासन ने अस्पताल खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसे चुनौती देते हुए अस्पताल प्रबंधन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि अस्पताल का भूमि पर कोई वैध अधिकार नहीं है। इसलिए बेदखली की प्रक्रिया पूरी तरह वैधानिक है। कोर्ट ने कहा कि जनहित को देखते हुए अस्पताल को 30 दिन की मोहलत दी जा रही है ताकि मरीजों को कोई परेशानी न हो और कर्मचारियों के लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके।
इस फैसले के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है। बताया जा रहा है कि अब प्रशासन की टीम लगातार अस्पताल की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है, ताकि समयसीमा के भीतर परिसर को खाली कराया जा सके। इस निर्णय से शहरवासियों में भी चिंता का माहौल है। क्योंकि यह अस्पताल वर्षों से गरीब तबके के लोगों को कम खर्च में इलाज की सुविधा देता आ रहा था। इसके बंद होने से सैकड़ों मरीज और दर्जनों कर्मचारियों के सामने संकट खड़ा हो गया है।
स्थानीय सामाजिक संगठनों ने सरकार से अपील की है कि अस्पताल जैसी सुविधाएं बंद न हों बल्कि इनका वैकल्पिक उपयोग जनहित में किया जाए। अब देखना यह होगा कि प्रशासन अगला कदम क्या उठाता है और अस्पताल परिसर का भविष्य क्या होता है।