NEW DELHI NEWS. दिग्गज टेक कंपनियां लगातार अपने प्रोडक्ट को अपडेट के साथ अपग्रेड कर रही हैं। इसी बीच, गूगल ने एक बार फिर नए क्षेत्र कदम करने जा रही है। साल 2012 में गूगल ने ‘Google Glass’ लॉन्च किया था जो अपने समय से काफी आगे की सोच थी। यह चश्मा यूजर्स की आंखों के सामने डिजिटल जानकारी प्रोजेक्ट करता था। हालांकि, यह प्रोजेक्ट ज्यादा सफल नहीं रहा लेकिन इसने भविष्य की तकनीक के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया।
अब, गूगल ने वैंकूवर में आयोजित TED कॉन्फ्रेंस में अपने नए Android XR स्मार्ट ग्लासेस का प्रोटोटाइप पेश किया है। गूगल के AR और VR विभाग के प्रमुख शहराम इज़ादी ने खुद इस चश्मे के फीचर्स के बारे में बताया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में यह तकनीक स्मार्टफोन की जगह ले सकती है लेकिन फिलहाल इसमें अभी और विकास की ज़रूरत है।
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इन ग्लासेस को गूगल के नए Gemini AI से ताकत मिलती है। इनका डिज़ाइन काफी हल्का और सिंपल रखा गया है जो स्मार्टफोन से कनेक्ट होकर प्रोसेसिंग करता है। इसका फायदा यह है कि चश्मे का वजन कम रहता है और यूज़र को आरामदायक अनुभव मिलता है।
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सबसे खास बात यह है कि ये ग्लास आम चश्मे या सनग्लास की तरह दिखते हैं जिससे इन्हें रोज़मर्रा की ज़िंदगी में आसानी से पहना जा सकता है। इन छोटे लेकिन शक्तिशाली ग्लासेस में कैमरा, लेंस में डिस्प्ले, माइक्रोफोन और मिनी स्पीकर्स जैसे फीचर्स दिए गए हैं।
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इस चश्मे की सबसे बड़ी खास बात ये है कि ये फ़ारसी को अंग्रेज़ी में तुरंत अनुवाद कर सकता है। इसके अलावा, एक डेमो में यह चश्मा किताब के पन्नों को स्कैन कर रहा था और Gemini AI उस जानकारी को याद रख पा रहा था।
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यूज़र इसमें Google Maps, YouTube Music जैसी गूगल ऐप्स का भी इस्तेमाल कर पाएंगे। भविष्य में इसमें Android Auto को भी जोड़ा जा सकता है जिससे ये हमारी रोज़मर्रा की तकनीकी जरूरतों का हिस्सा बन जाएंगे।
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हालांकि गूगल ने अभी तक इन चश्मों की लॉन्च डेट या जगह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है लेकिन इसके जल्द ही बाजार में एंट्री मारने की संभावना है। Apple और Meta जैसी दिग्गज कंपनियां लंबे समय से वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी को आम बनाने में जुटी हैं लेकिन यह तकनीक अभी भी शुरुआती दौर में ही है। अब देखने हैं इससे कितना फायदा होगा।