BHILAI NEWS. बलौदाबाजार अग्निकांड में जेल से लौटे भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव आज गिरौधपुरी धाम के लिए निकले हैं। उनके साथ करीब 10 गाड़ियों का काफिला साथ चल रहा है। काफिले में सभी सतनामी समाज के पुरुष, युवा और महिलाएं शामिल हैं। देवेंद्र यादव के सेक्टर 5 निवास में सुबह से ही सतनामी समाज के लोग जुटना शुरू हो गए थे।
बताया जा रहा है कि भिलाई नगर विधानसभा के अलावा आसपास के क्षेत्रों के भी लोग उनके साथ निकले हैं। इस मामले में विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि वे हर साल एक जनवरी को गिरौधपुरी धाम दर्शन करने जाया करते थे। लेकिन इस बार कारावास में होने के कारण वे जा नहीं पाए थे। इस वजह से आज वे दर्शन करने जा रहे हैं। उनके गिरौधपुरी धाम जाने का उद्देश्य सिर्फ दर्शन और साधना है, इसका कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है।
वहीं जेल के भीतर रहने पर राजनीतिक षडयंत्र वाले प्रश्न पर देवेंद्र यादव ने कहा कि राजनीति जीवन में हो तो इन सब के लिए तैयार रहना चाहिए। बस ये ध्यान रखना चाहिए कि आप सही हैं। सच को उठाने के लिए कोई गुरेज नहीं है। उन्होंने कहा कि सतनामी समाज के निर्दोष युवाओं को जेल में डाल दिए थे, जिनके लिए मैने आवाज उठाया, लेकिन मुझे ही जेल में डाल दिया गया। सरकार बहरी हो चुकी है, इसमें क्या किया जा सकता है।
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गिरौधपुरी धाम में तोड़फोड़ की घटना से जुड़े तार
बता दें कि 15 और 16 मई 2024 की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्वों ने गिरौधपुरी धाम में सतनामी समाज के धार्मिक स्थल के पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की गई थी। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट समाज के लोग मामले की न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे, जिसके बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा की।
इस बीच 10 जून को जैतखाम में तोड़-फोड़ के विरोध में हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास एकत्र हुए। जमकर हंगामा के बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया। उपद्रवियों ने तांडव मचाते हुए कलेक्टर और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। आगजनी की इस घटना में सरकारी संपत्तियों को 12.53 करोड़ रुपए का भारी नुकसान पहुंचा था। मामले में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 43 मामलों में 187 लोगों को गिरफ्तार किया था।
आगजनी की इस घटना में भिलाई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया है। उनके खिलाफ बलौदाबाजार पुलिस ने 449 पेज का विस्तृत अभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय में पेश किया था, जिसमें देवेंद्र यादव पर हिंसा, दंगा फैलाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अन्य गंभीर आरोप लगाए गए थे।
मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने 17 अगस्त को भिलाई स्थित निवास से देवेंद्र यादव को गिरफ्तार किया था। जिन्हे बीते 20 फरवरी को जेल से रिहा किया गया।