BALOD NEWS. बालोद जिले में लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों बेहतर माहौल मिल सके। लेकिन फिलहाल यहां लाइब्रेरी का हाल बेहाल है। इंटरनेट, प्रोजेक्टर जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। ऐसे में छात्रों को अध्ययन करने में परेशानी होती है। इन सभी कमियों के बीच अफसर बनने का सपना देखने वाले छात्रों की पढ़ाई में बाधा आ रही है।
बता दें, बालोद जिले में संचालित लाइब्रेरी में कुल 1150 छात्र है। लाइब्रेरी के माध्यम से इन्हें अच्छा माहौल उपलब्ध कराना था लेकिन यहां पर तो मूलभूत सुविधाओं का ही अभाव है। आज कल सिर्फ पुस्तक से ही नहीं बल्कि यू ट्यूब सहित कई ऐसे लेक्चर वीडियो होते हैं। जिनकी मदद से बच्चे नोट्स तैयार करते हैं।
इन सबके लिए इंटरनेट की सुविधा चाहिए होती है। लाइब्रेरी में इंटरनेट कनेक्शन को लेकर छात्रों को दिक्कत हो रही है। बताया जा रहा है कि यहां पर प्रोजेक्टर नगर पालिका ने उपलब्ध कराई थी लेकिन उसे वापस ले लिया गया है। ऐसे में प्री पीएससी की तैयारी करने वालों की पढ़ाई ही बंद हो गई है।
प्रोजेक्टर के अभाव में प्री पीएससी की तैयारी बंद
लाइब्रेरी में प्रोजेक्टर नगर पालिका ने दिया था लेकिन अब नगर पालिका ने प्रोजेक्टर वापस ले लिया है। प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रीपीएससी के छात्र-छात्राएं तैयारी कर रहे थे। जब से प्रोजेक्टर ले जाया गया है तब से ही पढ़ाई बंद है। इससे उन्हें अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है।
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समस्याएं ही समस्याएं हैं लाइब्रेरी में
बताया जा रहा है कि यहां पढ़ने वाले छात्रों से रजिस्ट्रेशन के तौर पर 500रुपये प्रतिमाह लिया जाता है। इसके अलावा 50 रुपये मेंटेनेंस के नाम पर लेते हैं। इसके बाद भी यहां पर न तो इंटरनेट है और न ही प्रोजेक्टर है। इसके अलावा छात्रों ने बताया कि यहां पर लाइब्रेरी प्रभारी रहते नहीं हैं।
उनका कोई टाइम तय नहीं है। ऐसे में जरूरी पुस्तकों को लेने में परेशानी होती है। एसी की भी सर्विसिंग नहीं होती है और न ही यहां पर बैठने वाले टेबल, चेयर सही है। इन सब की कमी के चलते काफी परेशानी का सामना छात्रों को करना पड़ रहा है।
लाइब्रेरी में स्टॉफ की कमी
जिला ग्रंथालय के प्रभारी लोकेन्द्र कुमार बघेल ने बताया कि हमारे यहां स्टाफ की कमी है और इंटरनेट के लिए मैंने बीएसएनएल के अधिकारियों से बात की है उन्होंने कहा कि ₹50 जो लिए जाते हैं वह मेंटेनेंस के लिए लिए जाते हैं और जिला शिक्षा विभाग को इस संदर्भ में पूरी जानकारी है वहीं उन्होंने कहा कि यहां पर पर्सनल केबिन की आवश्यकता है और पीएससी की कोचिंग पहले की जाती थी लेकिन जो हमें प्रोजेक्टर मिला था वह नगर पालिका था जिसे वे लोग अब वापस ले जा चुके हैं।