RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ समेत देशभर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) लागू हो गई है। इसी के हिसाब से क्रमश: सभी जगह व्यवस्था भी बनाई जा रही है। इस बीच, यूजी फर्स्ट में इस बार NEP तहत कई बदलाव हुए हैं। एनुअल की जगह सेमेस्टर प्रणाली लागू हुई है। इंटर्नल एग्जाम होंगे। इसके अलावा प्राइवेट छात्रों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। इससे पिछली बार की तुलना में प्राइवेट छात्रों की संख्या कम हुई है। बीए में साढ़े आठ हजार छात्र घटे हैं। फर्स्ट ईयर के लिए पंजीयन की तारीख 20 अक्टूबर को समाप्त हो गई है।
दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति यूजी में चरणबद्ध तरीके से लागू हो रही है। अगले साल सेकंड ईयर और फिर थर्ड ईयर में लागू होगी। इससे माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यूजी में प्राइवेट छात्रों की संख्या कम हो जाएगी। प्राइवेट छात्रों की संख्या कम होने स्थिति सिर्फ पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में नहीं है। अन्य राजकीय विवि में भी यूजी फर्स्ट ईयर में प्राइवेट छात्रों की संख्या कम हुई है। पिछली बार इन विवि में बीए, बीकॉम, बीएससी तीनों वर्ष में प्राइवेट छात्रों की संख्या डेढ़ लाख से अधिक थी। ज्यादातर छात्र फर्स्ट ईयर के थे। इस बार संख्या कम हुई है।
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वहीं, रविवि को पिछली बार बीए, बीकॉम, बीएससी फर्स्ट ईयर की वार्षिक परीक्षा के लिए प्राइवेट छात्रों से 21345 आवेदन मिले थे। इस बार यह संख्या 11778 है यानी 9568 आवेदन कम मिले हैं। बीए की बात करें तो पिछली बार बीए की परीक्षा के लिए 16098 प्राइवेट छात्रों ने आवेदन किया था। इस बार 7669 फार्म मिले हैं, यानी 8429 कम। बीकॉम में पिछली बार 2204 परीक्षार्थी थे, इस बार 1390 हैं। बीएससी में 3043 थे और इस बार 2719 हैं। छात्रों की संख्या कम होने को लेकर जानकारों का कहना है कि पहले यूजी फर्स्ट ईयर पास करने के लिए छात्रों को साल में एक बार परीक्षा देनी पड़ती थी। इंटर्नल और असाइनमेंट भी नहीं था।
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इस बार नई व्यवस्था की गई है, जिसके अनुसार फर्स्ट ईयर में दो सेमेस्टर एग्जाम होंगे। परीक्षा के लिए पंजीयन अनिवार्य किया गया है। इससे भी कई छात्रों ने आवेदन नहीं किया है। इसके अलावा प्राइवेट छात्रों को नई व्यवस्था के बारे में जानकारी नहीं है। फर्स्ट ईयर के लिए प्राइवेट छात्रों को ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। इसे लेकर भी छात्रों की संख्या कम हुई है। दरअसल, पहले फर्स्ट ईयर की परीक्षा साल में एक बार होने से प्राइवेट छात्रों को एक बार फीस देनी पड़ती थी। इसमें 1610 रुपए परीक्षा शुल्क, 70 रुपए नामांकन, 50 रुपए शारीरिक शिक्षा शुल्क, ऑनलाइन प्रोसेसिंग शुल्क 50 रुपए इसके अलावा छत्तीसगढ़ बोर्ड के अलावा अन्य बोर्ड के छात्रों को माइग्रेशन के साथ 360 रुपए शामिल था। अब सेमेस्टर होने से परीक्षा शुल्क दो बार देना होगा। इसके अलावा आंतरिक मूल्यांकन शुल्क 288 और असाइनमेंट शुल्क 90 रुपए है।