GARIYABAND. जिले के देवभोग के नांगलदेही वह आसपास के 7 से 8 गांवों में फ्लोराइड जैसी गंभीर बीमारी व्याप्त है। जिसके चलते यहां के बच्चों के दांत पीले और बाल सफेद और जवानी में भी जोड़ों का दर्द प्रारंभ हो गया है।
इस वजह से गांव के लड़के-लड़कियों की शादी तय नहीं हो रही है। इस मामले को मीडिया ने प्रमुखता से अनेकों बार सरकार का ध्यान आकर्षण कराया है, जिस पर अब हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने इसे जनहित याचिका मानकर स्वास्थ्य विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पूछा है कि बीमारी रोकने के लिए शासन स्तर पर क्या प्रयास किया जा रहा है? मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी। इस संबंध में हाईकोर्ट से लौटे पी.एच.पी. के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पंकज जैन ने बताया कि न्यायालय ने जो जानकारी मांगी है वह हमने जा कर सौंप दिया है। साथ ही आगामी 14 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा गया है।
दरअसल, देवभोग तहसील के इस गांव में पीने के पानी में फ्लोराइड जैसी गंभीर बीमारी होने के कारण युवाओं से लेकर बच्चे भी पीड़ित है। 40 फिल्टर प्लांट में से आधे बंद हैं। पीने के पानी में सुरक्षित सीमा से 3 से 4 गुना अधिक फ्लोराइड की मात्रा पाई गई है। इसे हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है।
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पानी में फ्लोराइड का उच्च स्तर स्केलेटल फ्लोरोसिस, गठिया, हड्डियों की क्षति, आस्टियोपोरोसिस, मांसपेशियों की क्षति, जोड़ों से संबंधित समस्याएं, थकान, किडनी से संबंधित रोग और अन्य पुरानी बीमारियों का कारण बन सकता है। इस मुद्दे को मीडिया ने समय-समय पर प्रमुखता से उठाया है जिसके चलते यह मुद्दा हाई कोर्ट बेंच तक पहुंचा है जिस पर हाईकोर्ट ने स्वयं संज्ञान लिया है।