BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी से पैरामेडिकल पास आउट स्टूडेंट की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य शासन को नोटिस जारी कर छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल में पंजीयन का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के इस निर्देश से इन छात्रों को केन्द्र व राज्य शासन के अधीन संचालित अस्पतालों में नौकरी का अवसर मिलेगा।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आप्टोमेट्री एवं एमएलटी के विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट के निर्देश से अब शासकीय नौकरी के लिए दरवाजा खुल गया है। श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी द्वारा आप्टोमेट्री (आंख की जांच के लिए) स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम एवं बीएससी, एमएलटी के पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
यूनिवर्सिटी से पासआउट स्टूडेंट्स का राज्य शासन द्वज्ञरा पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीयन नहीं किया जा रहा था। शासन के इस निर्णय के चलते पास आउट स्टूडेंट्स को शासकीय नौकरी में अवसर नहीं मिल पा रहा था। राज्य शासन के इस निर्णय के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने दी राहत
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अधिनियम 1956 और पैरामेडिकल काउंसिल ने याचिकाकर्ता पासआउट स्टूडेंट्स के नाम पंजीकृत नहीं किए है। कोर्ट ने राज्य शासन को निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ताओं का परिषद के रजिस्टर में उनका नाम दर्ज पंजीकरण प्रदान करें। रजिस्टर में याचिकाकर्ताओं का नाम उचित समय तक रखा और बनाए रखा जाए।
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याचिकाकर्ताओं को प्रैक्टिस करने का प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य शासन को यह भी छूट दी है कि पंजीकरण करने और प्रमाण पत्र जारी करने से पहले सर्टिफिकेट की समुचित जांच करें। यदि याचिकाकर्ताओं ने गलत तरीके से डिग्री हासिल की है तो अधिनियम 2001 की धारा 40 के तहत राज्य शासन उचित कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा।