BILASPUR. बीते दिनों कोरबा के नगर निगम महापौर राजकिशोर प्रसाद के पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति ने निरस्त कर दिया था। इसके लिए महापौर राजकिशोर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर की। मामले की सुनवाई जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आदेश को आगामी सुनवाई तक समिति के आदेश पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
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बता दें, कोरबा नगर निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा के माध्यम से याचिका दायर की। कोर्ट ने फिलहाल राजकिशोर को राहत दी है। लेकिन अगली सुनवाई के बाद ही पता चल पाएगा कि ये कोरबा के महापौर बने रहेंगे या नहीं।
राजकिशोर प्रसाद मूलतः बिहार के रहने वाले है। प्रसाद को कोइरी जाति का प्रमाण पत्र छत्तीसगढ़ में जारी किया गया था। इसी के आधार पर उन्होंने 2019 में महापौर का चुनाव लड़ा और जीत भी गए। बीते सप्ताह महापौर का जाति प्रमाणपत्र 21 अगस्त को उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने निरस्त कर दिया था। इससे महापौर की कुर्सी खतरे में आ गई थी। फिलहाल कोर्ट ने उन्हें राहत दी है और अगली सुनवाई के बाद कोर्ट फैसला दे सकती है।
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जाति को लेकर रहा संशय
बिहार में प्रसाद को कोइरी जाति के नाम से जाना जाता है और इसे ओबीसी श्रेणी में रखा गया है। इसी के आधार पर 2019 में उन्होंने चुनाव लड़ा था। लेकिन लगातार उनकी जाति को लेकर गड़बड़ी व शिकायत आ रही थी।
इसी आधार पर प्रदेश की उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने जांच की। जांच में 21 अगस्त को उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया। वहीं विपक्ष जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद उन्हें महापौर की कुर्सी से हटाने की मांग कर रहा है।