BALRAMPUR. रामानुजगंज के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में करोड़ों रुपए की हेराफेरी के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। सरगुजा IG ने FIR में गड़बड़ी करने वाले थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया है।
दरअसल, रामानुजगंज में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में बैंक मैनेजर, कैशियर, और कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा 1 करोड़ 33 लाख रुपए के गबन की शिकायत की गयी थी। जिसमे फर्जी तरीके से अपने खातों में राशि स्थानांतरित कर सरकारी धन का गबन किया गया था।
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इस मामले में कुल चार आरोपियों पर मामला दर्ज होना था, लेकिन FIR सिर्फ तीन लोगों के नाम पर ही दर्ज किया गया। जबकि एक मुख्य आरोपी का नाम ही FIR से हटा दिया गया। मामले की जानकारी मिलने पर सरगुजा IG ने थाना प्रभारी ललीत यादव और प्रधान आरक्षक उमेश यादव को निलंबित कर दिया है । और मामले की जांच कराई जा रही है।
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गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले बलरामपुर जिले के जिला सहाकारी केन्द्रीय बैंक रामानुजंगज में एक करोड़ 33 लाख रुपये से अधिक का गबन कर लिया गया था। आर्थिक अनियमितता के इस मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक शंकर राम भगत व कर्मचारी विजय उइके व राजेश पाल की संलिप्तता विभागीय जांच में सामने आई। इनमें से विजय उइके व राजेश पाल को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायालय के निर्देश पर जेल भेज दिया। बैंक की राशि की हेराफेरी के मामले में कंप्यूटर आपरेटर पंकज विश्वास की भी मिलीभगत सामने आई है। उसने अपने फर्म के अलावा अपने भाई मनोज विश्वास तथा एक अन्य परिचित के खाते में बैंक की राशि अंतरित की थी।
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विभागीय जांच प्रतिवेदन में उल्लेखित है कि शंकर राम भगत शाखा प्रबंधक, विजय उइके तथा राजेश पाल के द्वारा शाखा रामानुजगंज में पदस्थापना के दौरान शासकीय राशि का गलत तरीके से अन्य खातों में स्थानांतरण कर कुल एक करोड़ 33 लाख 58 हजार 689 रूपये का गबन किया गया है।