BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में नियम विरूद्ध किसान के जमीन पर सड़क निर्माण के विरोध में याचिका दायर की गई है। याचिका में बताया गया है कि बिना भूमि अधिग्रहण किए ही सड़क का निर्माण कर दिया गया। इतना ही नहीं किसान को मुआवजा भी नहीं दिया। मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी के बेंच में हुई। कोर्ट ने जांजगीर के पूर्व कलेक्टर को अवमानना का दोषी ठहराया है और कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश भी दिया है। इसके अलावा किसान को भूमि का मुआवजा 6 माह के अंदर देने का आदेश दिया है।
बता दें, जांजगीर केरा रोड निवासी कमलेश सिंह की ग्राम कोसा में खसरा नंबर 108-1 में जमीन है। उक्त जमीन में बिना भूमि अधिग्रहण किए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क का निर्माण कर दिया गया।
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उन्होंने कलेक्टर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर विधिवत भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई कर मुआवजा दिए जाने की मांग की। कलेक्टर के द्वारा किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होने पर किसान ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में मुआवजे की मांग की गई है।
भूमि अधिग्रहण के नियम है
कोर्ट में याचिका में बताया गया कि जब सड़क का निर्माण होता है तो किसान की भूमि को अधिग्रहण करने के लिए नियम होता है। बिना नियम का पालन किए किसी की भी भूमि को अधिग्रहण सरकार नहीं कर सकती है। सड़क निर्माण के दौरान सरकार भूमि अधिग्रहण करने पर किसान को उसकी भूमि के एवज में मुआवजा देती है।
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कोर्ट अधिकारियों के जवाब से असंतुष्ट
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पक्षकार अधिकारियों के जवाब को नोटिस जारी कर इस संबंध में जवाब मांगा था लेनिक अधिकारियों के जवाब से कोर्ट असंतुष्ट नजर आया और अधिकारियों के विरूद्ध अवमानना का चार्ज फ्रेम किया व जवाब देने 21 अगस्त को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।