BILASPUR. धोखाधड़ी व फ्रॉड करने वाले लोगों के हौसले बुलंद है। अलग-अलग बहाने से लोगों को अपनी जाल में फंसा कर धोखा देते है। सिविल लाइन थाना क्षेत्र में भी धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है। इसमें रिटायर्ड अधिकारी को ईडी और मनी लांड्रिंग का डर दिखाकर 53 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस में की है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
बता दें, मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। जहां पर अज्ञेय नगर में रहने वाले जयसिंह चंदेल उम्र 71 वर्ष रिटायर्ड अधिकारी हैं। उन्होंने ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनके मोबाइल पर 24 जून को अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने रिटायर्ड अधिकारी को अपने मोबाइल से पोर्न वीडियो अपलोड करने की बात कही। साथ ही एक एफआइआर की कॉपी भेजी।
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इसमें दर्ज मोबाइल नंबर रिटायर्ड अधिकारी का नहीं था। इस पर जालसाजों ने उनके आधार कार्ड नंबर भी बताया। रिटायर्ड अधिकरी ने इस मामले में शामिल नहीं होने की बात कही। इस पर जालसाजों ने उन्हें मामले की जांच मुंबई पुलिस द्वारा करने की बात कही। उसी दिन शाम को उनके मोबाइल पर दूसरे नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को मंुबई पुलिस का अधिकारी बताया।
उसने एक व्यक्ति के घर में 274 एटीएम बरामद होने की बात कही। इसमें से एक एटीएम रिटायर्ड अधिकारी के होने की जानकारी दी। उन्होंने संबंधित बैंक में अपना एकाउंट ही नहीं होने की बात कही तो ईडी की जांच में मामला साफ होने की बात कहते हुए फोन काट दिया। इसके बाद उनके मोबाइल पर 2 जुलाई को काल आया। इसमें मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की जानकारी दी गई। साथ ही जांच के लिए उनसे एक अकांउट में सारे रुपये जमा करने के लिए कहा गया।
ईडी और सुप्रीम कोर्ट के फर्जी आदेश को दिखाकर उनसे 14 लाख 30 हजार रुपये जमा कराने कहा गया। जालसाजों के झांसे में आए अधिकारी ने बताए खाते में रुपये जमा करा दिए। इसके दूसरे दिन उन्हें बताया गया कि वे आरोपित नहीं हैं। जांच से बचने के लिए उन्हें म्यूचल फंड की भी जांच कराने कहा गया। साथ ही उनके रुपये खाते में जमा कराने का आश्वासन दिया गया। उन्हें म्यूचल फंड की जांच के लिए 35 लाख रुपये जमा कराने कहा गया।
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जालसाजों के झांसे में आए अधिकारी ने बताए खाते में रुपये जमा करा दिए। इसके बाद उनके नंबर पर 13 जुलाई को व्हाट्सएप पर कॉल करके रुपये की जांच पूरा हो जाने की बात कही गई। साथ ही उनके रुपये आरबीआई के निर्देश पर बैंक खाते में जल्द जमा करा देने की जानकारी दी गई। साथ ही 10 लाख रुपये सिक्यूरिटी डिपाजिट करने कहा गया। रिटायर्ड अधिकारी ने अपने पास रुपये नहीं होने की बात कही।
साथ ही उन्होंने अपने रुपये वापस मांगे। जालसाजों ने उन पर रुपये जमा करने के लिए दबाव बनाया। दबाव में आकर अधिकारी ने उधारी लेकर पांच लाख जमा कराए। इसके बाद जालसाजों ने उनका कॉल ही उठाना बंद कर दिया। रिटायर्ड अधिकारी ने पूरे मामले की जानकारी अपने बेटे को दी। इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस से की। शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच के बाद रेंज साइबर थाने में जुर्म दर्ज कर लिया है। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।