RAIPUR. छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के कार्यों की जांच के आदेश जारी किए हैं। सरकार ने साल 2022-23 में हुए कार्यों की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत इस वर्ष प्रदेश में जर्जर स्कूलों की मरम्मत के कार्य कराए गए थे।
भूपेश सरकार के कार्यकाल में विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी हमेशा ही कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है। प्रदेश में अब सरकार बदल चुकी है भाजपा की सरकार ने अपने कार्यकाल के 6 महीने पूरे कर लिए हैं। इसी कड़ी में भाजपा की सरकार ने भूपेश सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने के उद्देश्य से कार्यों की जांच कराने का सिलसिला भी शुरू कर दिया है।
सरकार ने आज मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत वर्ष 2022-23 में हुए कार्यों की गुणवत्ता जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। शिक्षा विभाग के सचिव ने सभी जिलों के कलेक्टर को इस आशय का आदेश जारी किया है। साथी यह निर्देश भी दिया गया है की गुणवत्ता की जांच कर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट जमा करें। बता दें कि इसी वर्ष इस योजना के तहत प्रदेश भर के जर्जर स्कूलों में मरम्मत के कार्य कराए गए थे।
गौरतलब है कि प्रदेश में बरसात के सीजन में कई स्कूलों से जर्जर भवनों की शिकायतें मिल रही है। कहीं पर स्कूल की छत गिरने तो कहीं पर जर्जर भवनों में पढ़ाई करने की शिकायतें आ रही हैं। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने मरम्मत कार्यों की गुणवत्ता की जांच करने का फैसला लिया है।
भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में रहते हुए भी भूपेश सरकार पर योजना के नाम पर भ्रष्टाचार करने और योजनाओं के मध्य की राशि डकारने का आरोप लगाती रही है। इन्हीं आरोपों को अब सच साबित करने के उद्देश्य से माना जा रहा है कि सरकार ने यह फैसला लिया है।