RAIPUR. अक्सर ही सुनने को मिलता है कि श्रमिक का कार्य करने वालों के बच्चों में प्रतिभा होती है लेकिन अवसर के अभाव में प्रतिभा निखर नहीं पाती है। यहीं वजह होती है कि आईपीएस, आईएएस की परीक्षा में सफलता उच्च व मध्यम वर्ग के छात्रों को ही मिलती है। लेकिन प्रदेश की सरकार ऐसे बच्चों को अवसर प्रदान करने के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना शुरू करने जा रही है। जहां पर श्रमिक वर्ग के बच्चों का चयन कर उन्हें निःशुल्क कोचिंग दी जाएगी। ताकि वे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके। अब मजदूर के बच्चों को भी अफसर बनने का मौका मिलेगा।
बता दें, प्रदेश सरकार के विशेष पहल और श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन के निर्देश पर जुलाई से मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए शुरू की जा रही है। इस योजना के तहत श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग शुरू की जाएगी। इस योजना में पीएससी, व्यापम, बैंकिंग प्रतियोगी परीक्षा के लिए निःशुल्क कोचिंग की सुविधा श्रमिकों के बच्चों को दी जाएगी। प्रदेश के 10 जिलों में इस योजना के तहत निःशुल्क कोचिंग शुरू होने जा रही है।
इन्हें मिलेगा लाभ
इस योजना में उन्हीं को अवसर मिलेगा जो पंजीकृत श्रमिक के संतान है। इसके लिए पात्र हितग्राही स्वयं या च्वाइस सेंटर या श्रम कार्यालय के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। इसमें शैक्षणिक योग्यता के मुताबिक लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ व्यवसायिक मंडल, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे व बैंकिंग, पुलिस भर्ती सहित सभी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी। कोचिंग 4 माह से 10 माह तक कराई जाएगी।
ऑनलाइन व ऑफलाइन होगी कोचिंग
यह कोचिंग ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों ही मोड में होगी। जैसा जिसे बने वह पढ़ सकता है। दोनों तरह का ऑप्शन इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि बहुत से छात्र दूरी अधिक होने की वजह से कोचिंग सेंटर पहुंच नहीं पाते हैं। इस वजह से ऑनलाइन होने पर वे अपने घर से ही कोचिंग ले सकेंगे।
छात्रों में है उत्साह
निःशुल्क कोचिंग योजना की खबर से ही छात्रों में उत्साह है और इसके लिए पंजीयन भी हो गया है। प्रदेश के तीन जिले रायपुर, बिलासपुर व दुर्ग में कुल 50-50 के चार बैच भर भी चुके है। अन्य जिलों में भी आवेदन के आधार पर बैंच तैयार किया जाएगा।