BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बिलासा एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग की व्यवस्थाओं में विलंब होने पर कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में अफसरों की मनमानी पर नाराजगी जताई है। साथ ही यह भी कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए व सिविल एविएशन के अफसरों की बैठक में आपसी सहमति बनाए और कोर्ट को पूरी जानकारी दें। इसके लिए कोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया है।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अधिवक्ता संदीप दुबे व बिलासपुर निवासी कमल दुबे ने बिलासा एयरपोर्ट में सुविधाओं के विस्तार को लेकर दो अलग-अलग जनहित याचिका दायर की है। दोनों याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने एक साथ सुनवाई हो रही है। इस मामले की सुनवाई डिवीजन बेंच में हुई।
याचिकाकर्ता संदीप दुबे की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि नाइट लैंडिंग के कार्य में सिविल एविएशन छत्तीसगढ़ के अफसर अनावश्यक विलंब कर रहे हैं। नाइट लैंडिंग की सुविधा के लिए देश में तय तकनीक के आधार पर लगने वाले उपकरणों के बजाए सेटेलाइट आधारित उपकरण लगाने की जिद पर अड़े हैं। इसके चलते अनावश्यक विलंब हो रहा है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि नाइट लैंडिंग के लिए एयरपोर्ट में कौन सा उपकरण लगाया जाना है और किसी तकनीक पर आधारित हो यह केन्द्र सरकार ओर डीजसीए तक करेगी। केन्द्र व डीजीसीए के तय मापदंडों को सिविल एविएशन विभाग के अफसर नहीं मान रहे हैं।
पीवीओआर तकनीक लगाना है एयरपोर्ट में
अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि नाइट लैंडिंग के लिए पीवीओआर आधारित टेक्नोलॉजी लगाना है। अफसर इसे बदलना चाह रहे हैं और इसके बजाए सेटेलाइट आधारित पीवीएन टेक्नोलॉजी से लैस उपकरण लगाने की जिद पर अड़े है। सेटेलाइट आधारित उपकरण लगाने के लिए अनुमति की प्रक्रिया लंबी है। इसमें वक्त लगेगा और केन्द्र सरकार को पॉलिसी बदलनी पड़ेगी।
बिलासपुर में ही प्रयोग क्यों
कोर्ट में बताया कि सेटेलाइट आधारित उपकरण को लगाने के लिए प्रक्रिया काफी लंबी है। ऐसे में बिलासपुर में ही इसका प्रयोग क्यों करना है यदि प्रयोग करना चाहते है तो अंबिकापुर स्थित दरिमा एयरपोर्ट पर इसे कर सकते हैं। बिलासा एयरपोर्ट से उड़ान प्रारंभ हो गया है और नाइट लैंडिंग का काम शेष है। बारिश भी प्रारंभ हो गया है ऐसे में डीजीसीए व केन्द्र सरकार द्वारा पूर्व में तय की गई तकनीक के आधार पर उपकरण लगाना ज्यादा उचित रहेगा। विलंब होने की स्थिति में फ्लाइट कैंसिल होती रहेगी और यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।