RAIPUR. राजधानी रायपुर से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। मंत्री व सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि वे अभी 6 महीने तक मंत्री पर पर रह सकते हैं। इसके साथ ही बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री जब कहेंगे तब मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा।
आपको बता दें कि बृजमोहन अग्रवाल से मीडिया द्वारा यह पूछा गया था कि वे कौन से पद से इस्तीफा देने वाले हैं। इस पर उन्होंने कहा कि मंत्री तो मैं अभी 6 महीने तक रह सकता हूं। मुख्यमंत्री जब कहेंगे तब मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। इस्तीफा कौन से पद से देना है यह तो पार्टी निर्देश के बाद समझ में आएगा।
गौरतलब है कि बृजमोहन अग्रवाल रायपुर से सांसद बन चुके हैं। इसके साथ वे रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक और राज्य की विष्णुदेव साय सरकार में मंत्री भी हैं। ऐसे में उनके चुनाव जीतने के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वे विधायक व मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। लेकिन उनके इस बयान के बाद से अब यह तय नहीं है कि वे किस पद से इस्तीफा देंगे। नियमानुसार कोई भी जनप्रतिनिधि विधायक और सांसद पद पर एक साथ नहीं रह सकता है।
क्या हैं संवैधानिक प्रावधान?
– संविधान के अनुच्छेद 101(2) के मुताबिक, अगर कोई लोकसभा का सदस्य विधानसभा का चुनाव लड़ता है और जीत जाता है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 14 दिन के भीतर किसी एक सदन से इस्तीफा देना होता है। इसी तरह अगर किसी विधानसभा का सदस्य लोकसभा का सदस्य बन जाता है तो उसे भी 14 दिन के भीतर इस्तीफा देना होता है। ऐसा नहीं करने पर उसकी लोकसभा की सदस्यता अपने आप खत्म हो जाती है।
– इसी तरह अगर कोई लोकसभा का सदस्य राज्यसभा का सदस्य भी बन जाता है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 10 दिन के भीतर एक सदन से इस्तीफा देना होता है। संविधान के अनुच्छेद 101(1) और रिप्रेजेंटेटिव्स ऑफ पीपुल्स एक्ट की धारा 68(1) में इसका प्रावधान है।
– वहीं, अगर कोई व्यक्ति दो लोकसभा सीट से चुनाव लड़ता है और दोनों ही जगह से जीत जाता है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 14 दिन के भीतर किसी एक सीट से इस्तीफा देना होता है। यही बात विधानसभा चुनाव में भी लागू होती है। दो सीट से जीतने पर कोई सीट 14 दिन के भीतर छोड़नी पड़ती है।