RAIPUR. छत्तीसगढ़ सरकार के तमाम मंत्रियों की आज से 2 दिन की पाठशाला रायपुर के आईआईएम में शुरू हुई। देश दुनिया से आए विषय विशेषज्ञों ने उन्हें सुशासन का पाठ पढ़ाया। साथ ही, छत्तीसगढ़ में क्या संसाधन है, विकास की क्या संभावना है और आने वाली किन-किन चुनौतियों के लिए तैयार रहना है, इसका खाका भी पेश किया। मंत्रियों की पाठशाला कल भी दिन भर जारी रहेगी। क्लास में सीएम विष्णुदेव साय सहित सभी मंत्री छात्रों की तरह शामिल हुए।
छत्तीसगढ़ के तमाम मंत्रियों की पाठशाला आज से भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर में शुरू हुई। दिनभर चली मंत्रियों की पाठशाला में देश दुनिया के प्रतिष्ठित विद्वानों ने उन्हें न सिर्फ सुशासन का पाठ पढ़ाया बल्कि प्रदेश की संसाधन, यहां विकास की छिपी संभावना और आने वाले समय में पेश होने वाली चुनौतियों पर भी विस्तृत जानकारी रखी।
पाठशाला की शुरुआत सुबह करीब 10:00 बजे दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। सबसे पहली क्लास ली, छत्तीसगढ़ कैडर के पूर्व आईएएस और नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने। अगले 10 सालों में विकसित छत्तीसगढ़ के क्या विजन होने चाहिए, इस पर उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला। छत्तीसगढ़ में विकास की संभावनाओं के साथ-साथ यहां मौजूद चुनौतियों को भी रेखांकित किया।
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्या बेहतर किया जा सकता है, इस पर आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर राजेश चंदवानी ने क्लास ली। प्रदेश के अधोसंरचना के विकास और उससे होने वाले परिवर्तन पर डीटेल्स क्लास ली आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर अजय पांडे ने।
प्राकृतिक संसाधन से भरपूर छत्तीसगढ़ में मिनरल्स एक वरदान की तरह है, लेकिन मिनरल्स के उपयोग के साथ पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा भी संवेदनशीलता के साथ जुड़ा है। इसका कुशल उपयोग कैसे हो, इस पर आईएसएम धनबाद और केंद्र सरकार के एडिशनल सचिव संजय लोहिया ने विस्तार से प्रकाश डाला।
किसी भी राज्य के विकास के लिए कुशल वित्त प्रबंधन बहुत अहम होता है। लिहाजा छत्तीसगढ़ में लोक वित्त और अर्थशास्त्र विषय पर आईआईएम इंदौर के प्रोफेसर सिद्धार्थ के रस्तोगी ने विस्तार से बताय। एक मंत्री टीम प्रबंधन के बेहतरीन गुर कैसे सीख सकते हैं, इसे बताया प्रोफेसर कमल जैन और मनोहर और्कार्ट ने। सुबह 10:00 बजे से शुरू हुई मंत्रियों की पाठशाला शाम 5:00 बजे तक लगातार चलती रही। यह क्लास इतनी महत्वपूर्ण है कि सभी मंत्रियों को रात्रि भोज और विश्राम भी आईआईएम रायपुर में ही करने को कहा गया है।
हालांकि बेहतर प्रशासन और सरकार चलाने की इस पहल पर कांग्रेस सवाल उठा रही है। राजनीतिक हमला बोलते हुए कांग्रेस कह रही है कि साय सरकार के मंत्रियों के पास अनुभव और विजन ही नहीं है, लिहाजा उन्हें ट्रेनिंग की जरूरत पड़ रही है।
राजनीति एक तरफ, लेकिन देश के ख्यातिलबाद विद्वानों की पाठशाला में कई अहम पहलू भी उभर कर आए हैं। जैसे प्रदेश पर्यटन की संभावनाओं से भरपूर है। लिहाजा आज की क्लास में इस पर भी विस्तृत बातचीत की गई। कोरोना जैसी महामारी कभी भी लौटकर दोबारा आ सकती है। प्रदेश इसके लिए भी तैयार रहे, इसके बारे में भी अवगत कराया गया। कुल मिलाकर देश और दुनिया में विकास की क्या-क्या संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं उसे तो बताया ही गया, चुनौतियां भी किस नए स्वरूप में सामने आ रही है, इसे भी बताया गया। जाहिर है, ये क्लास मंत्रियों को बेहतर सरकार चलाने में मदद करेगी।