RAIPUR. छत्तीसगढ़ जीएसटी विभाग की ओर से टैक्स चोरी पर रोक लगाने के उद्देश्य से राज्य में ई-वे बिल के प्रावधानों में दी गई छूट को समाप्त कर दिया गया है। सरकार की ओर से इसे टैक्स चोरी को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है । इसके लिए सरकार ने 24 मई को ही अधिसूचना जारी कर दी है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स ने आपत्ति जाहिर की है।
नए नियमों के तहत राज्य में व्यवसायियों के लिए अब 50 हज़ार रूपए से अधिक के गुड्स का परिवहन करने पर ई-वे बिल जेनरेट करना आवश्यक होगा। अभी तक राज्य में एक जिले के भीतर माल के परिवहन करने पर ई-वे बिल जारी करना आवश्यक नहीं था।
साथ ही 15 वस्तुओं को छोड़ कर राज्य के भीतर किसी भी वस्तु के परिवहन पर ई-वे बिल कि आवश्यकता नहीं थी। सरकार के इस निर्णय के साथ ही ई-वे बील सिस्सट पर सियासत भी शुरु हो गई है ।
ई वे बिल की छूट समाप्त किए जाने पर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने आपत्ती जाहीर की है । चेंबर अध्यक्ष अमर परवानी का कहना है कि सरकार को इससे छोटे व्यापारियों को अलग रखना चाहिए । वहीं कांग्रेस भी व्यापारियों के समर्थन में आ गई है ।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि भाजपा ने इंसपेक्टर राज को वापस ला दिया गया । इस बदलाव से जांच के नाम पर छोटे व्यापारियों को परेशान किया जाएगा ।
वहीं भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव का कहना है कि कांग्रेस बेवजह इस मामले का विरोध कर रही है । सरकार के इस निर्णय से राज्य को अधिक राजस्व मिलेगा..वहीं कर कलेक्शन में पार्दर्शिता आएगी । बहरहाल इस नियम से लाभ होगा या व्यापारियों को लैस होगा इसका पता तो बाद में लगेगा फिलहाल भाजपा और कांग्रेस में इसको लेकर के सियासत शुरू हो गई है।