SURAJPUR/ GARIYABAND. लोकसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में कई जगहों से चुनाव बहिष्कार की खबरें भी आ रही है। एक खबर में सूरजपुर के करंजी पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण आज कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर को अपनी मांगों का आवेदन सौंपा है।
तो वहीं दूसरी खबर में गरियाबंद के ग्रामीणों ने मतदान केंद्र दूर होने के कारण मतदान का बहिष्कार करने का ज्ञापन प्रशासन को सौंपा है।
सूरजपुर जिले में करंजी गांव के ग्रामीणों ने अपने लिखित आवेदन में बताया की करंजी गांव में बीते 60 सालों से रेलवे लाइन के कारण सैकड़ों किसानो के 500 एकड़ से ज्यादा की कृषि भूमि तक आवागमन परेशानी का सबब बना हुआ है। ऐसे में किसानों का कहना है की रेलवे लाइन के कारण कृषि भूमि तक वाहन नहीं पहुंचते और अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ रहा है।
जहां बीते कई वर्षो से ओवरब्रिज की मांग की जा रही है लेकिन प्रशासन की उदासीनता बरकरार है। ग्रामीणों ने आवेदन कलेक्टर को सौंप कर मांग पूरी नहीं होने पर लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है। जहां कलेक्टर के आश्वासन के बाद ग्रामीण कलेक्ट्रेट से वापस लौट आए हैं।
इधर गरियाबंद के देवभोग तहसील के कोसमकानी पंचायत के लोग चुनाव बहिष्कार करने एसडीएम दफ्तर पहुंच ज्ञापन सौपा है। वजह भी हैरान कर देने वाला है। पंचायत मुख्यालय के लोगों की लम्बे समय से मांग के बाद भी मतदान केंद्र नहीं खुला। इस पंचायत के लगभग 600 मतदाताओं को दो अलग अलग पंचायतों के मतदान केंद्र में मतदान के लिए जाना पड़ता है।
इस बार ग्रामीणों ने पंचायत मुख्यालय में मतदान केंद्र नहीं खुलने तक मतदान का बहिष्कार करने की ठान ली है। प्रशासन मतदान के लिए प्रेरित करने अभियान चला रही है। प्रक्रिया से बंधी प्रशासन अब मतदान केंद्र की मांग को पूरी नहीं कर सकती क्योंकि निर्वाचन प्रक्रियाएं काफी आगे बढ़ गई हैं।
ऐसी स्थिति में नया मतदान केंद्र खोलना अब संभव नहीं है। प्रशासन ग्रामीणों को समझाईस देकर उन्हें वस्तु स्थिति से अवगत कराने की बात कह रही है। महत्वपूर्ण बात यह है कि नए मतदान खोलने की जो प्रक्रियाएं होती है वह निर्वाचन की तिथि घोषित होने के लगभग एक से डेढ़ माह पूर्व नए मतदान केंद्र खोलने के निर्वाचन प्रक्रिया के आधार पर किया जाता है।