RAIPUR. छत्तीसगढ़ में एजुकेशन सिस्टम में लगातार बदलाव किया जा रहा है। इसी क्रम में अब एग्रीकल्चर का कोर्स बदलेगा। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) लागू होने वाली है। इसके लिए प्रारूप तैयार कर लिया गया है।
संभावना है कि अगले सत्र यानी 2024-24 से फर्स्ट ईयर की पढ़ाई एनईपी के फार्मूले से होगी। इसके अनुसार बीएससी एग्रीकल्चर, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग व फूड टेक्नोलॉजी का कोर्स बदलेगा। आने वाले दिनों में इन कोर्स में 30 फीसदी थ्योरी यानी क्लास रूम की पढ़ाई होगी। जबकि 70 फीसदी की पढ़ाई प्रैक्टिकल आधारित होगी।
इसके अनुसार छात्र फील्ड में जाकर पढ़ाई करेंगे। वर्तमान में एग्रीकल्चर के चार वर्ष के कोर्स 50 फीसदी थ्योरी व 50 फीसदी प्रैक्टिकल है। अब प्रैक्टिकल को ज्यादा और थ्योरी को कम किया जा रहा है। इतना ही नहीं बीएससी एग्रीकल्चर के फाइनल ईयर की पढ़ाई पूरी तरह से बाजार आधारित होगी।
इसे लेकर कृषि विवि के अधिकारियों का कहना है कि यहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। यूजी फर्स्ट ईयर से इसकी शुरुआत होगी। इसका प्रारूप भी तैयार कर लिया गया है।
एनईपी में कई प्रावधान हैं, अभी इसके 50 फीसदी पार्ट को लागू किया जाएगा। इसका फायदा छात्रों को होगा। गौरतलब है कि कृषि विवि से संबद्ध 39 शासकीय व निजी कॉलेज हैं। इनमें एग्रीकल्चर, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, फूड टेक्नोलॉजी की पढ़ाई होती है।
जानकारी के मुताबिक अने वाले दिनों में यहां के छात्र वर्तमान कोर्स के साथ ही ओपन लर्निंग कोर्स भी कर सकेंगे। इसका प्रावधान भी किया जा रहा है। इसी तरह वोकेशनल कोर्स भी शुरू किया जा रहा है। यह आप्शनल होगा। इसे करने पर छात्रों को डिप्लोमा दिया जाएगा।
इसी तरह यहां एग्रीकल्चर, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग व फूड टेक्नोलॉजी के अलावा बेसिक साइंस फैकल्टी में विभिन्न काेर्स शुरू किए जाएंगे। इसमें एग्रीकल्चर बॉटनी, एग्रीकल्चर जूलॉजी, होमसाइंस समेत अन्य कोर्स हो सकते हैं। वहीं विदेशी छात्रों को भी डिग्री और डिप्लोमा कोर्स कराया जाएगा।