RAIGARH. रायगढ़ लोकसभा सीट के लिए जहां भाजपा ने महीने भर पहले ही प्रत्याशी की घोषणा कर चुनावी कैंपनिंग भी शुरु कर दिया है। वहीं कांग्रेस अब तक इस सीट पर प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है। कांग्रेस अब सोची समझी रणनीति के तहत मजबूत चेहरे को इस सीट से चुनावी मैदान में उतारने की कवायद में लगी है। कांग्रेस का पूरा फोकस अब गोंड समाज पर है।
रायगढ़ लोकसभा सीट में गोंड समाज के ढाई लाख से भी अधिक वोटर हैं। ऐसे में कांग्रेस गोंड समाज को टिकट दे सकती है। पार्टी गोंड समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले सारंगढ़ और रायगढ़ पैलेस पर निगाह बनाए हुए हैं।
दरअसल आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित रायगढ़ लोकसभा सीट भाजपा का मजबूत गढ है। इस सीट पर भाजपा को लगातार मिल रही जीत के मद्देनजर अब कांग्रेस सोची समझी रणनीति के तहत मजबूत केंडीडेट चुनावी मैदान मे उतारने की कवायद में लगी हुई है।
अगर रायगढ़ लोकसभा सीट पर नजर डालें तो इस सीट में 27 फीसदी आदिवासी वोटर हैं। 18 लाख 30 हजार मतदाताओं वाले रायगढ़ लोकसभा सीट में तकरीबन 2 लाख 15 हजार गोंड और तकरीबन ढाई लाख कंवर समाज के वोटर हैं।
भाजपा ने कंवर समाज परदांव खेलते हुए राधेश्याम राठिया को चुनावी मैदान में उतारा है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस गोंड समाज पर दांव खेळ सकती है।
अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस के पास सारंगढ गिरिविलास पैलेस की मेनका सिंह, और रायगढ़ राजपरिवार की जयमाला देवी सिंह जैसे चेहरे अच्छे विकल्प हैं। पूर्व में सारंगढ की गिरिविलास पैलेस से पुष्पादेवी सांसद रह चुकी हैं। ऐसे में कांग्रेस राजपरिवार पर दांव लगा सकती है।
इधऱ भाजपा कांग्रेस के टिकट वितरण में देरी को लेकर तंज कस रही है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस में कोई बड़ा चेहरा चुनाव लड़ने को तैयार ही नहीं है। ऐसे में पार्टी में टिकट लेने वालों का टोटा पड़ा हुआ है। भाजपा इस सीट पर वाक ओवर की स्थिति में है। इस चुनाव में भाजपा 2 लाख से भी अधिक वोटों से जीत हासिल करेगी।