BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पुलिस निरीक्षक ने तबादला आदेश को लेकर याचिका दायर की। जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तबादला आदेश पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने नियमों का हवाला देते हुए तबादला को नियम के विरूद्ध बताया था। साथ ही यह भी शिकायत की थी कि शासन स्तर पर बनाए गए नियमों का पालन आला अधिकारी नहीं कर रहे है।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पुलिस निरीक्षक तपेश्वर नेताम ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय व गीता देबनाथ के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने बताया कि वह दुर्ग में पुलिस विभाग में निरीक्षक के पद पर कार्य कर रहे थे।
15 फरवरी 2024 को पुलिस महानिदेशक रायपुर ने एक आदेश जारी कर तपेश्वर नेताम का स्थानांतरण जिला दुर्ग से धमतरी कर दिया। मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की सिंगल बेंच में हुई।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने पैरवी करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव के मद्ददेनजर भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी आदेश के तहत याचिकाकर्ता तपेश्वर नेता का गृह जिला दुर्ग में पदस्थापना के आधार पर उनका स्थानांतरण धमतरी किया गया है।
याचिकाकर्ता ग्राम भेंगारी जिला बालोद निवासी है जो कि पूर्व में जिला दुर्ग के अंतर्गत आता था। एक जनवरी 2012 को जिला दुर्ग से जिला बालोद का निवासी है। इस हिसाब से याचिकाकर्ता का स्थानांतरण पूर्णतः नियम विरूद्ध है।
जुलाई 2023 में याचिकाकर्ता का ट्रांसफर कोंडागांव से दुर्ग किया गया था एवं दुर्ग में ज्वाइनिंग के मात्र सात माह बाद याचिकाकर्ता का स्थानांतरण धमतरी किया जाना स्थानांतरण नीति का घोर उल्लंघन है। रिट याचिका की सुनवाई के बाद कोर्ट ने तबादले के आदेश पर रोक लगा दी है।
नियमों का दिया हवाला
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने स्थानांतरण के खिलाफ पैरवी करते हुए कहा कि राज्य शासन के बनाए नियमों के मापदंडों का गलत इस्तेमाल हो रहा है। सही से पालन नहीं होने से मातहतों को नुकसान हो रहा है।