AMBIKAPUR. सरगुजा जिले में शराब दुकान को लेकर अम्बिकापुर विधायक और नगर निगम प्रबंधन आमने सामने हैं। एक तरफ जहां नगर निगम शराब दुकानों को शहर के भीतर लाना चाहती है। तो दूसरी तरफ विधायक ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए शराब दुकानों को आउटर में रखने की बात कह डाली है। इन सबके मुहल्ले के लोग बस इतना चाहते हैं कि शराब दुकान वर्तमान स्थान से हटा दी जाए फिर चाहे वो शहर के भीतर हो या बाहर।
दरअसल, गंगापुर बस्ती के करीब शराब दुकान का संचालन किया जा रहा है और गंभीर बात ये कि इसके ठीक बगल में रोजगार पंजीयन का दफ्तर संचालित किया जाता है। ऐसे में शराब लेकर लोग यहां न सिर्फ खुले ने शराब पीते हैं बल्कि शराब पीकर पीकर हंगामा भी करते हैं।
आलम ये है कि शाम के समय इस इलाके में शराब लेने वालों की भीड़ से पूरा रास्ता जाम हो जाता है और लोग न सिर्फ गाली गलौज करते हैं बल्कि विवाद भी लगातार हो रहे हैं। इन इलाको में महिलाओं पर भी टिप्पणी की जाती है। यही कारण है कि लोग कई बार शराब दुकानें हटाने की मांग कर रहे हैं।
लगातार परेशानी झेल रहे ग्रामीणों के विरोध के बाद लंबे समय बाद शराब दुकान को हटाने की कवायद तेज की गई है मगर अब इसके स्थान को लेकर निगम और अम्बिकापुर विधायक आमने सामने हैं। एक तरफ निगम ने शराब दुकानों को बस स्टैंड या शहर के अन्दर शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है। इसके पीछे निगम की दलील है कि इससे लोग खुले आम शराब का सेवन नही करेंगे और विवाद की स्थिति पैदा नहीं होगी। लेकिन निगम के इस दलील से अम्बिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल इत्तेफाक नहीं रखते।
राजेश अग्रवाल का कहना है कि 5 सालों तक निगम को इसकी याद नहीं आई मगर अब जब मेरे प्रयासों से शराब दुकान को हटाने की कवायद शुरू हुई है तो निगम इसे शहर के करीब ले जाना चाहता है। मगर विधायक का कहना है कि शराब दुकान वर्तमान स्थान से हटेगी तो जरूर मगर इसे शहर से इतनी दूर शिफ्ट किया जायेगा जहा लोगों को कोई परेशानी न हो। यही नहीं विधायक ने इस बात पर भी जोर दिया कि शराब दुकान शहर के अंदर नहीं बल्कि शहर से काफी दूर जाएगी।
बहरहाल सालों के संघर्ष के बाद ही सही शराब दुकान को हटाने के निर्णय से आसपास के रहवासी बेहद खुश हैं कि अब उन्हें इस बड़ी मुसीबत से छुटकारा मिल सकेगा। मगर जिस तरह से विधायक और निगम आमने सामने हैं।
उससे साफ है कि शराब दुकान के शिफ्टिंग को आगे खींचतान बढ़ने वाली है। ऐसे में विधायक और निगम की लड़ाई का नुकसान इलाके के लोगों को उठाना पड़ सकता है। क्योंकि शराब दुकान तभी हटेगी जब स्थान का चयन होगा।
स्थान का चयन तभी होगा जब निगम व विधायक में सहमति बनेगी। ऐसे में देखना होगा कि इस विवाद के बाद जीत किसकी होती है और शराब दुकान शहर के अंदर शिफ्ट होता है या बाहर। इलाके के लोगों को कब तक इस समस्या से निजात मिलेगी।