BHILAI. पद्मविभूषण तुलसीपीठाधीश्वर, चित्रकूट धाम, जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य छत्तीसगढ़ की इस्पात नगरी भिलाई आ रहे हैं। वे 15 से 23 फरवरी तक दुर्ग जिले में प्रवास पर रहेंगे। भिलाई में उनके आगमन को लेकर काफी उत्साह है। जगदगुरु रामभद्राचार्य हिंदू धर्मगुरु, प्रख्यात विद्वान, प्रवचनकार, दार्शनिक, शिक्षाविद और रचनाकार हैं। अल्प आयु में नेत्र ज्योति खो जाने के कारण वे प्रज्ञाचक्षु हैं। रामभद्राचार्य 22 भाषाओं के जानकार हैं।
दुर्ग सांसद विजय बघेल ने बताया कि भिलाई के जयंती स्टेडियम में प्रभु श्रीराम की कथा और 1008 कुंडीय श्री हनुमत यज्ञ 15 से 23 फरवरी तक होगा। कार्यक्रम श्रीराम के गुरु महर्षि वशिष्ठ के वंशज पद्मविभूषण जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज के सानिध्य में होगा। श्रीराम कथा का आयोजन माता कौशल्या मानस प्रचारिणी सभा, भिलाई द्वारा किया गया है। प्रेस वार्ता में समिति अध्यक्ष मनीष सिंह गौर भी उपस्थित रहे।
सांसद विजय बघेल ने बताया कि सनातनकाल से लोकप्रेरक भगवान श्रीराम की अवतार कथा तथा उनके सान्निध्य में 1008 कुंडीय श्रीहनुमत्महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। भिलाई में होने वाले इस धार्मिक आयोजन का उद्देश्य मानव मात्र की भव पीड़ा के हरण-निवारण के साथ-साथ समाज और राष्ट्रचेतना का जागरण करना है। अभी स्वामी रामभद्राचार्य महाराज जनता के बीच श्रीराम कथा आदि के माध्यम से सनातन चेतना की अलख जगा रहे हैं।
बता दें कि श्री रामभद्राचार्य अपने असाधरण कार्यों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानव कल्याण को समर्पित कर दिया है। नेत्रहीन होते हुए भी उन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि से कई भविष्यवाणियां की जिनमें कई सत्य हुई हैं। उसमें एक अयोध्या राम मंदिर भी शामिल हैं। उन्होंने श्रीराम मंदिर के पक्ष में कई तर्क भी दिए थे। स्वामी रामभद्राचार्य को 22 भाषाओं का ज्ञान है। वे अपनी ओजस्वी और दिव्य प्रवचनों को लेकर विश्वभर में विख्यात हैं।
इस प्रकार होंगे कार्यक्रम
– 14 फरवरी को काशी के विद्वान आचार्यों द्वारा सनातन शास्त्रोक्त विधि विधान से श्री सिद्धिप्रदाता गणेश और हनुमत पूजन, दोपहर 2 से 2.15 बजे, सेक्टर-5 गणेश मंदिर
– दोपहर 2.15 बजे सनातन नारीशक्ति द्वारा दिव्य कलश यात्रा। दिव्य-कलश-यात्रा सेक्टर-5 सिद्ध गणेश मंदिर से शुरू होकर जयंती स्टेडियम यज्ञ स्थल
– 15 फरवरी से 23 फरवरी तक प्रतिदिन,1008 कुंडीय श्रीश्री हनुमत महायज्ञ, सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक
– श्रीराम कथा, प्रतिदिन दोपहर 2.30 से शाम 6.30 बजे तक – पद्मविभूषित जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज के श्री मुख से