BILASPUR.जगदलपुर नगर निगम ने हाईकोर्ट में स्थायी लोक अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। इस याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट के सिंगल बेंच में हुई जिसमें अभी हाईकोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखा है। स्थायी लोक अदालत ने नगर निगम की गलती मानते हुए आवेदनकर्ता के चार पहिया वाहन में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 10 हजार देने कहा था। जिसमें नगर निगम ने जुर्माने पर रोक लगाने की मांग की है।
बता दें, जगदलपुर नगर निगम की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि शहरी सीमा के अंदर लगी हुई बेरियर को हटाने के बाद कर्मचारियों की लापरवाही के चलते वहां ठूंठ रह गया था। इसे हटा नहीं पाए थे। इसी ठूंठ में आवेदनकर्ता का चार पहिया वाहन फंस गया और वाहन का गेयर बाक्स क्षतिग्रस्त हो गया। निगम के लापरवाही के चलते हुए नुकसान की भरपाई को लेकर वाहन चालक ने स्थायी लोक अदालत के सामने आवेदन पेश किया था। मामले की सुनवाई के दौरान स्थायी लोक अदालत ने निगम की लापरवाही मानते हुए आवेदनकर्ता को क्षतिपूर्ति के रूप में 10 हजार रूपये का भुगतान करने के निर्देश दिए।
क्या है स्थायी लोक अदालत
स्थायी लोक अदालत का गठन विधिक सेवाएं प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22-बी की उप धारा एक के अंतर्गत हुआ है। जनहित सेवाओं से संबंधित विभाग बिजली, पानी, अस्पताल जैसे मामलों के लिए मुकदमा दायर करने से पहले आपसी सुलह की गुंजाइस होती है लेकिन जब मामला अदालत में पहुंचता है तो उस पर फैसला गुण-अवगुण के आधार पर होता है। स्थायी लोक अदालत के फैसले को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दे सकती है।
हाईकोर्ट ने उठाए सवाल
मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के सिंगल बेंच में हुई। जिसमें सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि स्थायी लोक अदालत ने जुर्माने की राशि कितनी तय की है और राशि देने में दिक्कत क्या है। कोर्ट ने यह भी कहा कि शहर की व्यवस्था को दुरूस्त रखने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। निगम से लोगों को अपेक्षाएं भी रहती है। निगम की उपेक्षा से कोई घटना होती है तो उसके लिए जिम्मेदार नगर निगम ही होगा।
क्यों नहीं देना चाहती क्षतिपूर्ति निगम
कोर्ट ने जब अधिवक्ता से सवाल किया कि आखिर इतने कम की क्षतिपूर्ति का आदेश हुआ है तो निगम ने कोर्ट में फैसले को चुनौती क्यों दी। तब अधिवक्ता ने कहा कि क्षतिपूर्ति की राशि कम है लेकिन यदि एक बार किसी को इस तरह से क्षतिपूर्ति दी गई तो यह परंपरा बन जाएगी और लोग इस तरह से आवेदन करते रहेंगे।