BILASPUR.सिम्स की व्यवस्था को सुधारने के लिए हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य शासन ने भी सिम्स के डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस की पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया है। शासन भी सिम्स के स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के प्रयास में जुटी है। इसी कड़ी में यह कदम उठाया गया है। ताकि डॉक्टरों के कार्यों की जानकारी रखी जा सके। इसके अलावा सिम्स में अपने कार्यों को पूरी तरह से कर रहे है या नहीं इस पर भी नजर रखा जा सकेगा।
बता दें, सिम्स बिलासपुर जिले का सबसे बड़ा शासकीय अस्पताल व मेडिकल कॉलेज है। जहां पर शहर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से इलाज के लिए मरीज पहुंचते है। पिछले दिनों यहां हो रही इलाज में लापरवाही के बाद हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था। जिसके बाद यहां की व्यवस्था सुधारने का कार्य किया जा रहा है।
आईपीएस अधिकारी आर प्रसन्ना को इसकी कमान दी गई थी। उन्होंने अपने रिर्पोट में बताया था कि यहां के अधिकतर डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस में फोकस करते है। यहां का वर्क कल्चर खराब है। जिसके बाद से ही शासन ने सिम्स के डॉक्टर जो प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे है। उन्हें अपने प्राइवेट प्रैक्टिस की पूरी जानकारी देनी होगी।
जानकारी करनी होगी सार्वजनिक
सिम्स में इस तरह के बदलाव करने जरूरी है। जिसके तहत सिम्स के जितने भी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते है उनको अपनी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। इसमें कहां प्रैक्टिस करते है कितने घंटे का समय देते है और फीस कितना लेते है जैसे हर एक जानकारी मांगी गई है। इससे डॉक्टरों के द्वारा ड्यूटी के लिए पूरा समय दे रहे है या नहीं इस बात की पुष्टि भी हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक कुछ डॉक्टर ड्यूटी के समय भी प्राइवेट प्रैक्टिस करते है इसकी जानकारी मिली है। यहीं वजह है कि प्राइवेट प्रैक्टिस की जानकारी मांगी गई है।