BHILAI. केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले ललित कला अकादमी के द्वारा शहर में रीजनल सेंटर खोले जाने हेतु छत्तीसगढ के समस्त कलाकार भिलाई के सिविक सेंटर में एकत्रित हो रहे हैं। इस दौरान टॉक शो और विभिन्न कला प्रदर्शनी लगाई लगाई जा रही है। इसे देखने के लिए भिलाई की जनता हुजूम उमड़ रहा है।
इस बार सुप्रसिद्ध नाट्य एवं संगीत कलाकार डॉ.सोनाली चक्रवर्ती एवं उनके स्वयंसिद्धा समूह का नुक्कड नाटक तथा बच्चों की चित्रकला प्रदर्शनी भी रखी गई थी।
भिलाई इस्पात संयंत्र और ललित कला अकादमी नई दिल्ली को धन्यवाद देने के लिए शुरू किया गया यह टाक शो लोगों को काफी पसंद आया। स्वयंसिद्धा समूह द्वारा अपने नाट्य के जरिए नारी के वैवाहिक जीवन और उसके संघर्ष का सटीक चित्रण किया जिसे दर्शकों का खूब प्यार मिला। वहीं इस दौरान चित्रकार अर्चना सेनगुप्ता द्वारा सिखाए गए लगभग पचास बच्चों की शानदार पेंटिंग ने भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया। बच्चों की पेंटिंग को रथ चबूतरे के चारो तरफ लगाया गया था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कार भारती के जिलाध्यक्ष प्रसिद्ध संगीत शिक्षक और वायलिन वादक कीर्ति व्यास थे। विशिष्ट अतिथि सुविख्यात चित्रकार हरीसेन, खैरागढ विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग प्रमुख कपिल वर्मा, भिलाई इस्पात संयंत्र के महाप्रबंधक संदीप चक्रवर्ती, राष्ट्रपति पुरस्कृत लोकगायिका रजनी रजक, हास्य कवि गजराज दास महंत, शक्तिपद चक्रवर्ती, जयप्रकाश नायर, मोहन बराल, प्रवीण कालमेघ थे। ललित कला अकादमी के एक्जीक्यूटिव बोर्ड मेम्बर की ओर से डाॅ.सोनाली चक्रवर्ती को राष्ट्रीय कलापुरोधा सम्मान तथा शेष सोलह नाट्य कलाकारों को राष्ट्रीय कलासाधक सम्मान से विभूषित किया गया।
इनमे डाॅ.रजनी नेल्सन, देबजानी मजूमदार, ममता विस्वाल, शालीनी संतोष कुमार, गीता चौधरी, अर्चना सेनगुप्ता, राजकुमारी कनोजे, राजश्री नायर, रीता बैष्णव, रत्ना दुफारे, रंजना सूरज, वंदना नाडंबार, शीला प्रकाश, रूमा डे, नीलिमा शुक्ला तथा डा. पूर्णिमा लाल उपस्थित थे। कार्यक्रम का ओजस्वी संचालन साहित्यकार मेनका वर्मा ने किया। मंचीय व्यवस्था ललेश्वरी साहू, नरोत्तम साहू, प्रशांत क्षीरसागर, भूपत राव बोरकर, प्रकाश कौशिक, अशोक देवांगन, अभिषेक सपन, शशिकांत जांगड़े आदि ने किया।