PATAN. आपने अपने जीवन में बहुत से दान दिए होंगे। बड़े– बुजुर्ग अक्सर दान के महत्व बताते हुए हमें दान करने की सीख देते है। लेकिन इन सब दानों में देहदान को बड़ा महत्व दिया गया है तभी तो इसे महादान भी कहा जाता है। इस दान के जरिए मरने के बाद भी आपका शरीर किसी के जीवन के लिए काम आ सकता है। यह देहदान किसी की जिंदगी भी बचा सकता है।
ऐसा ही एक दान पाटन के ग्राम लोहरसी से एक दंपत्ति ने किया है। दंपत्ति देहदान कर मानवता की मिसाल कायम की है। यहां रिटायर्ड हेडमास्टर संतराम चंद्राकर और उनकी पत्नी बिंदु चंद्राकर ने देहदान की इच्छा जाहिर की। इसके बाद प्रनाम के अध्यक्ष पवन केसवानी ने उनके घर जाकर काउंसलिंग की ।
प्रनाम के अध्यक्ष पवन केसवानी के माध्यम से चंद्राकर दंपत्ति ने राजीवलोचन आयुर्वेदिक कॉलेज चंदखुरी के नाम देहदान की वसीयत जारी की हैं। साथ ही एक दुसरे की वसीयत में साक्षी रिश्तेदार के रूप में हस्ताक्षर किया। इस दौरान प्रनाम के अध्यक्ष पवन केसवानी के अलावा संजय निरंकारी,रत्ना चंद्राकर निरंकारी, नरेन्द्र चंद्राकर,लीला चंद्राकर, देवेन्द्र लहरी और राकेश साहू ने भी वहां मौजूद होकर देहदानी दंपति को विशेष सहभागिता प्रदान की।
विगत 15 सालों में करीब 1900 लोगों ने प्रनाम के माध्यम से देहदान किया है। अगर आप भी देहदान की इच्छुक रखते है तो इसके लिए संस्था प्रनाम के भिलाई स्थित कार्यालय 6बी/सड़क-19/सेक्टर-5 में या मोबाइल नंबर. 9479273500 में संपर्क कर सकते हैं।