KANKER. मोबाइल के लिए बांध का पानी बहाना अफसरों को महंगा पड़ता जा रहा है। इसम मामले में जांच के बाद तीन फूड इंस्पेक्टर समेत तीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की ली गई है। दरअसल, कांकेर जिले के परलकोट बांध में गिरे मोबाइल को खोजने के लिए फूड इंस्पेक्टर ने पचार दिन तक पंप लगाकर बांध का 41 लाख लीटर से ज्यादा पानी बहा दिया। इस मामले में प्रशासन बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में पखांजुर के फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास, पानी निकालने की कथित मौखिक अनुमति देने वाले एसडीओ आरएल धीवर और जल संसाधन विभाग के ही सब इंजीनियर सीएल ध्रुव के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इससे पहले, फूड इंस्पेक्टर विश्वास के बाद एसडीओ धीवर को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
इस मामले की शिकायत के बाद प्रशासन ने जांच कराई, जिसमें संकट के समय में पानी बर्बाद करने के मामले में अफसरों के खिलाफ यह पहला आपराधिक मामला बताया गया है। इसके बाद मंगलवार की रात प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार ने पखांजूर थाने में फूड इंस्पेक्टर, एसडीओ और सब इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया। इसके बाद आज पुलिस ने इस पर कार्रवाई करते हुए तीनों के खिलाफ धारा 430 में एफआईआर दर्ज कर ली। इस मामले में शुरू से नजर रखने वाली कांकेर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि मोबाइल खोजने के लिए पानी व्यर्थ बहाने के मामले में जांच कराई गई थी। इस जांच में आरोप सही पाए गए, इसलिए दोषियों के खिलाफ एफआईआर का आवेदन दिया गया।
ये है पूरा मामला
कांकेर जिले के पखांजूर में पदस्थ फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास निवासी पखांजूर 21 मई को दोस्तों के साथ परलकोट जलाशय पार्टी मनाने पहुंचे थे। पार्टी के दौरान जलाशय के स्कैल वाय के पास उनका कीमती मोबाइल पानी में गिरा। फूड इंस्पेक्टर ने 22 मई को ग्रामीणों को मोबाइल खोजने में लगाया। बात नहीं बनी तो गोताखोर बुलाए, राशन दुकानों के सेल्समेनों को भी लगाया। मोबाइल नहीं मिला, तब जल संसाधन के एसडीओ से मौखिक अनुमति लेकर बांध खाली किया जाने लगा। चार दिन पंप चलने से स्केल वाय के बकेट में 10 फीट ऊंचा जलस्तर घटकर 4 फीट पर आ गया। मोबाइल भी मिल गया, लेकिन खराब हो गया। सिंचाई अफसरों ने जब पंप बंद करवाए, तब तक 41 लाख लीटर पानी बहाया जा चुका था। इसके बाद इससे जुड़े अफसरों पर लगातार कार्रवाई हो रही है।