KOLKATA. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों ने स्कूलों में कथित रूप से अवैध भर्तियों के मामले की जांच के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीवन कृष्ण साहा को सोमवार सुबह मुर्शिदाबाद जिले के बुरवान स्थित उनके आवास से हिरासत में ले लिया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. सीबीआई अधिकारी पश्चिम बंगाल के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कथित रूप से अवैध भर्तियों से जुड़े मामले में बुरवान निर्वाचन क्षेत्र के विधायक साहा से 14 अप्रैल से पूछताछ कर रहे थे. गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय जांच एजेंसियां सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में भर्ती से संबंधित घोटाले की जांच कर रही हैं.
अधिकारी ने बताया कि साहा को सोमवार सुबह हिरासत में लिया गया और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की सुरक्षा वाले वाहनों के काफिले में उन्हें ले जाया गया. यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उन्हें औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया गया है या नहीं. अन्य अधिकारियों ने बताया कि साहा को जांच एजेंसी के कोलकाता स्थित कार्यालय ले जाया जाएगा. सीबीआई ने रविवार को छापेमारी के दौरान साहा के दो मोबाइल फोन में से एक फोन को तालाब में से निकाला था. सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि साहा ने करीब 30 घंटे पहले आवास से सटे तालाब में अपने दो मोबाइल फोन फेंके थे और जिनमें से एक को वहां से निकाल लिया गया है. हालांकि, दूसरा फोन अभी नहीं मिला है.
बताते हैं कि साहा के घर के पास एक कचरा डंपिंग साइट से सीबीआई ने दस्तावेजों से भरे कम से कम पांच बैग जब्त किए गए हैं. इसके अलावा 15 अप्रैल को सीबीआई अधिकारियों ने कोलकाता, पुरबा मेदिनीपुर और बीरभूम जिलों में बी.एड और डी.एल.एड कॉलेजों वाले एक ट्रस्ट के अध्यक्ष और एक अन्य व्यक्ति के परिसरों सहित छह स्थानों पर तलाशी ली थी. एक अन्य टीम ने 15 अप्रैल को ही बीरभूम जिले में टीएमसी के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष बिभास अधिकारी के घर पर शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल होने के आरोप को लेकर छापेमारी की.
पश्चिम बंगाल में हुआ शिक्षक भर्ती घोटाला 2014 का है. तब पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन ने पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी. यह भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी. उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे. इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं. गौरतलब है कि पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी से लगभग 50 करोड़ रुपये नकद बरामद करने के बाद ईडी ने जुलाई में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद पार्थ चटर्जी को तृणमूल कांग्रेस से भी निलंबित कर दिया गया था.