NEW DELHI. जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सोमवार को भारत पहुंचे. जापानी प्रधानमंत्री लगभग 27 घंटे भारत में रहेंगे, ताकि विभिन्न क्षेत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले भारत देश से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया जा सके और विभिन्न वैश्विक मसलों पर चर्चा की जा सके. खासकर किस तरह जी20 और जी7 समूह खाद्य -स्वास्थ्य सुरक्षा, ऊर्जा स्रोतों में बदलाव और आर्थिक सुरक्षा जैसे अन्य कई महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों के संदर्भ में मिलकर काम कर सकते हैं. भारत और जापान वर्तमान में क्रमशः जी20 और जी7 की अध्यक्षता कर रहे हैं. एक सूत्र ने कहा, ‘रक्षा और सुरक्षा सहयोग हमारी विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक के रूप में उभरा है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कारक है.’ समझते हैं जापानी पीएम का भारत दौरा किस लिहाज से महत्वपूर्ण है…
उम्मीद की जा रही है कि जापान के प्रधानमंत्री मुक्त और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की बढ़ती महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए अपनी योजना का अनावरण करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा क्वॉड ढांचे के भीतर द्विपक्षीय आर्थिक और सुरक्षा सहयोग, क्षेत्रीय इंडो-पैसिफिक सुरक्षा एजेंडा पर चर्चा करेंगे.
दोनों नेता वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला मसलन खाद्य और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों, हिंद-प्रशांत में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने समेत समग्र द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार पर भी चर्चा करेंगे.
द्विपक्षीय मोर्चे पर दोनों देशों से रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और निवेश और उच्च प्रौद्योगिकियों सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है.
पिछले साल मार्च में अपनी भारत यात्रा के दौरान किशिदा ने अगले पांच वर्षों में भारत में पांच ट्रिलियन येन (3,20,000 करोड़ रुपये) के निवेश करने के लक्ष्य की घोषणा की थी. 2021-22 में 20.57 बिलियन डॉलर के व्यापार के साथ दोनों देशों की व्यापक आर्थिक साझेदारी है. भारत करीब 14.5 अरब डॉलर के जापानी सामान का आयात करता है.
किशिदा ने अपने इस भारत दौरे से पहले एक लेख में लिखा, ‘जैसा कि जापान और भारत ने क्रमशः जी7 और जी20 की अध्यक्षता संभाली है. मैं प्रधानमंत्री मोदी के साथ इन समूहों के जरिये वैश्विक चुनौतियों से निपटने में जी7 और जी20 की भूमिकाओं पर खुलकर चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं.’
उन्होंने कहा कि जापान-भारत संबंध विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़े हैं और जापान अपनी स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में भारत के साथ सहयोग को और बढ़ाना चाहेगा.
चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता की पृष्ठभूमि में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बनती स्थिति भी प्रधानमंत्री मोदी और किशिदा के बीच व्यापक वार्ता में शामिल होने की संभावना है. इस बातचीत से भारत-प्रशांत में भारत के महत्व को उजागर करने की उम्मीद है. साथ ही जापान चीन के बढ़ते प्रभाव की कूटनीतिक व्यूह रचना के लिए भारत का समर्थन मांगेगा.
पिछले साल जून में सिंगापुर में प्रतिष्ठित शांगरी-ला संवाद में किशिदा ने कहा कि वह अगले वसंत में इंडो-पैसिफिक के लिए योजना तैयार करेंगे. जापान इस क्षेत्र में नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने और उसे मजबूत करने की दृष्टि से एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत पर जोर दे रहा है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जापानी प्रधानमंत्री द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस को दंडित करने के लिए एक व्यापक और मजबूत गठबंधन बनाने के लिए भारत की सहायता मांगने की भी उम्मीद है.