DURG. रीपा में स्टार्टअप के इच्छुक उद्यमियों को दी जाने वाली जमीन के संबंध में नीति आ गई है। इच्छुक उद्यमियों को प्रथमतः अधिकतम 30 वर्ष की लीज पर भूमि दी जाएगी। रजिस्ट्री के एक साल के अंदर ही इकाई स्थापना का काम करना होगा। रीपा में स्थापित होने वाली यूनिट्स के लिए औद्योगिक नीति के अनुरूप आर्थिक निवेश प्रोत्साहन के लिए स्टांप ड्यूटी में रियायत, ब्याज अनुदान, स्थाई पूंजी निवेश अनुदान आदि के प्रावधान लागू हो जाएंगे।
दुर्ग कलेक्टर पुष्पेन्द्र मीणा ने रीपा और अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के इच्छुक उद्यमियों के लिए यह अच्छा अवसर है और ऐसे उद्यमियों की काउंसलिंग कर उन्हें रीपा में उद्यम के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस समीक्षा बैठक में भिलाई नगर निगम के कमिश्नर रोहित व्यास, दुर्ग जिला पंचायत के CEO अश्विनी देवांगन, सहायक कलेक्टर लक्ष्मण तिवारी सहित अन्य उपस्थित रहे।
अधिकारियों ने बताया कि तीन दशक यानी 30 साल की लीज पर रीपा में जमीन मिलेगी। साथ ही रजिस्ट्री के एक वर्ष के भीतर ईकाई स्थापना का कार्य पूरा करना होगा। औद्योगिक नीति के अनुरूप आर्थिक निवेश प्रोत्साहन जैसे स्टांप ड्यूटी में छूट, ब्याज अनुदान, स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, विद्युत शुल्क में रियायत, मंडी शुल्क से रियायत आदि अनुदान के नियम और प्रावधानों के अनुसार पात्रता होगी। दुर्ग के कलेक्टर कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने रीपा और अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की।