BALOD. छत्तीसगढ़ में बर्ड फ्लू की आशंका ने एक बार फिर दस्तक दी है। इसकी दस्तक प्रदेश के बालोद जिले में हुई है। यहां तीन दिनों के अंदर लगभग 3700 मुर्गियों की मौत हो गई है। ये सभी मुर्गियां एक ही पोल्ट्री फार्म में रखी गई थी। पशुपालन विभाग को इस बात का पता तीन दिन बाद चला। जैसे ही पशुपालन विभाग को इसकी सुचना मिली फ़ौरन सैंपल लेने के लिए टीम पोल्ट्री फार्म पहुंची। सैंपल को रायपुर में जांच के लिए भेजा गया है। फिलहाल मुर्गियों को बड़ी बिमारी होने की आशंका जताई जा रही है।
तीसरे दिन विभाग को चला पता
मिली जानकारी के अनुसार दल्लीराजहरा के वार्ड-16 में स्थित तिवारी पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों की मौत का सिलसिला 3 दिनों से चल रहा था। पहले दिन 300, अगले दिन 600 मुर्गियों की मौत हो गई थी। इन मरी हुई मुर्गियों को फार्म के मालिक ने बिना पशुपालन विभाग को सुचना दिए ही दफना दिया था। इसके बाद तीसरे दिन पोल्ट्री फार्म में रखी सभी मुर्गियों की मौत हो गई। मंगलवार को जब इसकी जानकारी पशुपालन विभाग को मिली तो तत्काल शेष मृत मुर्गियों का सैंपल लेने के लिए टीम भेजी गई।
जांच के लिए सैंपल भेजे गए रायपुर
टीम ने मुर्गियों का पोस्टमॉर्टेम कराया और दफनाने से पहले सैंपल लेकर जांच के लिए रायपुर भेज दिया है। पशुपालन विभाग के उपसंचालक डी.के सिहारे ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में एक साथ मुर्गियों की मौत को देखते हुए तत्काल सैंपल जांच के लिए रायपुर भेजी गई है। उस जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा।
मुर्गियों की बिक्री पर लगी रोक
पिछले साल बालोद जिले के कुसुमकासा क्षेत्र के फार्म में बर्ड फ्लू की वजह से सैंकड़ो मुर्गियों की मौत हुई थी। इसलिए 3700 मुर्गियों की मौत को देखकर, पहले से ही सावधानी बरतते हुए तत्काल मुर्गी की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। साथ ही आसपास के क्षेत्रों की मुर्गियों का भी विशेष ध्यान रखने की अपील की जा रही है।
रिपोर्ट आने का इंतजार
एक साथ हुई 3700 मुर्गियों की मौत से क्षेत्र में बर्ड फ्लू होने की आशंका जताई जा रही है। इस वजह से पोल्ट्री फार्म संचालकों की चिंता भी बढ़ गई है। हालांकि मुर्गियों की मौत का स्पष्ट कारण रायपुर में भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा।