NEW DELHI. पड़ोसी देशों की सीमा को सुरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। सीमा से सटे गांवों का इस तरह से विकास किया जाएगा, ताकि वे सालभर पर्यटकों से भरे रहें। ऐसा होने पर वहां होने वाले पड़ोसी देशों की हलचल की तुरंत जानकारी सरकार को मिल जाएगी। वर्तमान में जरूरी सुविधाओं की कमी और खराब मौसम की वजह से कई महीनों तक ये वीरान हो जाते हैं। इनमें से कई गांव सामरिक लिहाज से काफी अहम हैं। लिहाजा, पहले चरण में के लिए करीब 50 गांवों को चिह्नित किया गया है। वाइब्रेंट बार्डर विलेज प्रोग्राम की मुहिम से इन गांवों को विकसित किया जाएगा।
इस योजना के तहत इन राज्यों के ऐसे गांवों को शामिल किया जाएगा, जो सीमाओं से दस किमी के दायरे में होंगे। अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की सीमा पड़ोसी देशों से जुड़ती है। योजना में इनसे सटे गांवों को शामिल किया जाएगा।
पहले चरण में मिलेंगी बुनियादी सुविधाएं
योजना के पहले चरण में गांवों में सड़क, बिजली, पानी और इंटरनेट जैसी बुवियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। साथ ही मौसम से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए भी इन्हें इस तरह से तैयार किया जाएगा कि साल भर यहां रहने में ग्रामीणों को कोई परेशानी न हो। रोजगार की तलाश और खराब मौसम की वजह से रिमोट एरिया के गांव खाली हो जाते हैं।
स्टे होम जैसी सुविधाएं जुटाने के लिए मिलेगी मदद
पर्यटन मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक इन गांवों में पर्यटन की भारी संभावनाएं हैं। लिहाजा, इस योजना पर काम शुरू किया है। गांवों के लोगों को अपने घरों में पर्यटकों के लिए स्टे होम जैसी सुविधाएं जुटाने के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी। साथ ही ग्रामीणों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
bad weather, center government's plan, full of tourists throughout the year, lack of necessary facilities, tirandaj news, Tourists visit village, Vibrant Border Village Program, village adjacent to the border of neighboring countries, village at strategic point, केंद्र सरकार की योजना, तीरंदाज न्यूज, पड़ोसी देशों से सटे गांव, वाइब्रेंट बार्डर विलेज प्रोग्राम