KORBA. गोबर यानी गोधन सच में छत्तीसगढ़ के गांव—गांव में धन कमाने का बड़ा जरिया बन गया है। इसका अंदाजा कोरबा जिले में इसकी बिक्री कर बड़ा आय अर्जित करने वालों के आंकड़े से लगाया जा सकता है। यहां 14 हजार 593 लोगों ने गोठानों में कुल तीन लाख 42 हजार क्विंटल गोबर बेचा। इससे उन्हें कुल छह करोड़ 85 लाख 17 हजार 489 रुपये की कमाई हुई है। इस तरह गोबर बेचकर गांववाले समृद्धि की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। वहीं इस गोबर की खरीदी कर गोठान संचालित करने वाली समूहों की महिलाएं भी किसी से पीछे नहीं हैं। गोबर से वर्मी कंपोस्ट का निर्माण कर बिक्री कर रही हैं और वे भी आय अर्जित कर रही हैं। इन्हीं वर्मी कंपोस्ट को खेतों में उपयोग कर जिले के किसानों ने जैविक खेती की राह पकड़ ली है। कुल मिलाकर गोबर ने तरक्की का चौतरफा रास्ता खोल दिया है।
जिला पंचायत की सीईओ नूतन कंवर ने ने आंकड़े पेश करते हुए जो जानकारी दी है उसके मुताबिक जिले में किसी एक क्षेत्र नहीं बल्कि अलग—अलग विकासखंडों के किसान और जरूरतमंद से लेकर समूहों की महिलाओं ने गोबर के जरिए तरक्की की राह पकड़ी है। उनके अनुसार, जनपद पंचायत कोरबा के 52 गोठानों में दो हजार 427 लोगों ने 42 लाख 52 हजार 297 किलो गोबर बेचा और 85 लाख चार हजार 595 रुपये की कमाई की है।
इसी तरह जनपद पंचायत करतला के 36 गोठानों में एक हजार 449 लोगों ने 28 लाख 47 हजार 798 किलो गोबर बेचकर 56 लाख 95 हजार 595 रुपये कमाए हैं। कटघोरा जनपद के 24 गोठानों में एक हजार 137 लोगों ने 35 लाख 49 हजार 530 किलो गोबर बेचा है और 70 लाख 99 हजार 60 रुपये की कमाई की है।
पाली जनपद पंचायत की बात करें तो 63 गोठानों के पांच हजार 218 गोपालकों व किसानों ने एक करोड़ 86 हजार 454 किलो गोबर बेचा और दो करोड़ एक लाख 72 हजार 907 रुपये कमाए हैं। जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा के 89 गोठानों में तीन हजार 821 लोगों ने 95 लाख 25 हजार 948 किलो गोबर बेचा है और एक करोड़ 90 लाख 51 हजार 896 रुपये कमाए हैं।
शहर में भी कमाए लाखों
ग्रामीण इलाके ही नहीं, नगरीय निकायों में भी गोबर की बिक्री से लाखों रुपये की कमाई हुई है। यहां 15 गोठानों व गोबर खरीदी केंद्रों में 541 लोगों ने 39 लाख 96 हजार 714 किलो गोबर बेचा है और इससे उन्हें कुल 79 लाख 93 हजार 42 रुपये की कमाई हुई है। इस तरह जिले के 279 गोठानों में अब तक 14 हजार 593 लोगों व पशुपालकों ने तीन लाख 42 हजार 587 क्विंटल गोबर को दो रुपये प्रति किलो के भाव से बिक्री कर छह करोड़ 85 लाख 17 हजार 479 रुपये की आय अर्जित की है।