BILASPUR. पत्थरबाजी का वीडियो वायरल हो तो यही अनुमान लगाया जाता है कि होगा कश्मीर का। लेकिन, इस बार का वीडियो बिलासपुर से आया है और मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ मौजूद झांकी और डीजे गाड़ी पर पत्थर बरसा रहे ये लोग खुद माता के भक्त बनकर पहुंचे थे। लेकिन, विसर्जन के लिए पहुंचे ये लोग विध्वंसकारी बन गए।
घटना शुक्रवार सुबह की है। यहां गुरुवार की शाम से मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला शुरू हुआ था जो अगले दिन दोपहर तक जारी रहा। शहरभर की समितियों के लोग मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ चलित झांकी सजाकर और डीजे की धुन पर नाचते हुए चल रहे थे। कतार धीरे-धीरे कर अरपा नदी के तट पर पहुंच रही थी, जहां बारी-बारी से प्रतिमाओं को नदी में विसर्जित किया जा रहा था।
शुक्रवार की सुबह कुदुदंड की शिव दुर्गा समिति और चांटीडी की आदर्श दुर्गोत्सव समिति के लोग भी इस कतार में शामिल थे। अभी वे गोलबाजार से पहले करोना चौक के पास पहुंचे थे कि उनके बीच विवाद शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि उनके बीच झांकी को आगे ले जाने की होड़ के बीच इसकी शुरुआत हुई। फिर विवाद मारपीट और फिर तोड़फोड़ तक पहुंच गई।
ये कश्मीर नहीं बिलासपुर के पत्थरबाज हैं, माता के भक्त की शक्ल में साक्षात विध्वंसकारी@ChhattisgarhCMO @bhupeshbaghel @PoliceBilaspur @BilaspurDrcs @SPBilaspur @namratajain2112 pic.twitter.com/ed9aPps1JD
— Tirandaj (@Tirandajnews) October 8, 2022
इस दौरान एक पक्ष के युवक पास ही बन रहे मकान के पास पड़े मलबा से पत्थर लेकर आ गए। फिर दूसरी समिति के डीजे वाहन और झांकी पर पत्थर बरसाने लगे। काफी देर तक हंगामा मचने के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और विवाद को शांत कराया गया। शहरवासियों का भी इस मामले को लेकर कहना है कि अब तक के झांकी के इतिहास में ऐसा विवाद कभी नहीं हुआ था, लेकिन इन युवकों ने माहौल को खराब करने की कोशिश की है, जिनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

सांप्रदायिकता का रंग देने की कोशिश, पुलिस की नाकामी, एसपी को आना पड़ा आगे
कुछ समय बाद ही पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। लोग एक-दूसरे को इसे शेयर करते रहे और विवाद की जानकारी देते रहे। वहीं इस बीच किसी ने इसे सांप्रदायिकता का रंग देने की भी कोशिश की। शाम तक इस बात की भी चर्चा होने लगी कि हजारों की संख्या में जुटने वाली भीड़ के बीच पुलिस की मौजूदगी नहीं के बराबर थी। क्या उस जगह पर किसी भी पुलिसकर्मी की ड्यूटी नहीं लगाई गई थी। इन दोनों मामलों ने पुलिस को कटघरे में खड़े कर दिया। तब शाम को इस मामले में पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर को आगे आना पड़ा। रात में उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस लिया और मामले की पूरी जांच कराने और मौके पर किस पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगी थी आदि का पड़ताल करते हुए कार्रवाई की बात कही। साथ ही सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त एक्शन लेने की भी बात कही।
18 पत्थरबाज गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने वीडियो हासिल किया और उसी के आधार पर 18 पत्थरबाजों की पहचान कर ली गई। इसके साथ ही शाम तक सभी की गिरफ्तारी भी कर ली गई। पकड़े गए आरोपियों में देव भद्रराजा पिता सुरेश भद्रराजा (23) निवासी चांटीडीह, शैलेष कश्यप पिता राजू कश्यप (28) निवासी चांटीडीह, नितेश कश्यप पिता योगेश कश्यप (28) निवासी चांटीडीह, पप्पू कौशिक पिता शिव कुमार कौशिक (28) निवासी चांटीडीह, बिट्टू उर्फ सूरज यादव पिता संतोष यादव (24) निवासी चांटीडीह, दीपक साहू पिता रतन साहू (22) निवासी रपटा चौक चांटीडीह, अनिकेत यादव पिता श्रवण यादव (26) निवासी शिव चौक कुदुदण्ड, अनुराग उर्फ बजरंग यादव पिता श्रवण यादव (28) निवासी कुदुदण्ड, नीरज जायसवाल पिता सुरेश जायसवाल (18) निवासी कुदुदण्ड, शुभम द्विवेदी पिता अवधेश द्विवेदी (19) निवासी कुदुदण्ड राहुल राजपूत पित रोहित राजपूत (20) निवासी कुदुदण्ड, हिमांशु राई पिता दीपक राई (27) निवासी अशोक नगर सरकंडा शामिल हैं। इसके अलावा कई नाबालिगों को भी पकड़ा गया है।