TIRANDAJ. बिहार (Bihar) में जब्त शराब की बोतलों (liquor bottles) से कांच की चूड़ियां (Glass Bangles) बनाने के लिए ग्रामीण महिलाओं को प्रोत्साहित कर रहा है। वो भी ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम ‘जीविका’ के माध्यम से। राज्य सरकार के निषेध विभाग ने इसके लिए 1 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इस राशी से कार्यक्रम से जुड़ी महिलाओं के साथ चूड़ी बनाने की इकाई स्थापित की जाएगी।
मद्य निषेध एवं आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि हर साल बिहार में बड़ी मात्रा में शराब जब्त की जाती है और जब्त बोतलों को नष्ट करने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अभी जब्त शराब की बोतलों को कुचल कर नष्ट किया जाता है। लेकिन इससे भारी मात्रा में कचरा होता है। अब इस कुचली हुई बोतलों को कांच की चूड़ियों के निर्माण के लिए कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आजीविका कार्यक्रम ‘जीविका’ से जुड़े श्रमिकों के एक समूह को इसके लिए ट्रेनिंग दी जा रही है।
आगे उन्होंने कहा कि शुरुआत में इन इकाइयों की संख्या सीमित होगी, लेकिन आने वाले समय में इन्हे बढ़ाया जाएगा आर यह कुटीर उद्योग की तरह काम करेगा। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार मुहैया करना हैं। उन्होंने आगे कहा कि निषेध विभाग के साथ उनका विभाग चूड़ी निर्माण पहल पर काम कर रहा है। दोनों विभागों संयुक्त रूप से इस के लिए व्यापक योजना तैयार कर रहे हैं।
बता दें बिहार में शराब पर अप्रैल 2016 से प्रतिबंध लगा हुआ हैं यहां इसकी बिक्री, खपत और निर्माण को अपराध की श्रेणी में रखा गया हैं। इस साल बिहार पुलिस ने मई तक ने 13.87 लाख लीटर से ज्यादा शराब जब्त की है।
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