नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को सिख गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करेंगे। यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री सूर्यास्त के बाद लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री एक विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे।
पीएम के कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पीएम की सुरक्षा में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के निशानेबाज, स्वाट कमांडो आदि सहित अन्य एजेंसियों के 1000 कर्मी शामिल होंगे। लाल किला परिसर में 100 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि लाल किले को स्थल के रूप में चुना गया था क्योंकि 1675 में मुगल शासक औरंगजेब ने सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर को फांसी देने का आदेश यहीं से दिया था। अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी रात 9.30 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे और उनका भाषण विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच सद्भाव पर जोर देगा।
प्रकाश पर्व पर पहली बार जगमगाया लाल किला
पहली बार दिल्ली का लाल किला प्रकाश पर्व पर जगमगा उठा। बुधवार की शाम यहां लेजर लाइट शो को देखने के लिए हजारों लोग यहां पहुंचे थे। लोगों ने प्रकाश के माध्यम से सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर जी के दर्शन भी किए। इसके साथ ही लाल किले की खूबसूरती अलग-अलग रंगों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी।
गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व को समर्पित दो दिवसीय कार्यक्रम बुधवार शाम से शुरू हो गया था। कार्यक्रम में पहले दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहे। उन्होंने सिख गुरु तेग बहादुर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके और गुरु गोविंद सिंह के सर्वोच्च बलिदान ने भारत की आजादी के बीज बोए।
सिख गुरु ने कश्मीरी पंडितों और अन्य हिंदुओं की सुरक्षा के लिए अपना जीवन दिया, जिन्हें तत्कालीन मुगल शासकों द्वारा सताया गया था। उन्होंने कहा कि मैं बिना किसी हिचकिचाहट के कहना चाहता हूं कि गुरु तेग बहादुर और गुरु गोबिंद सिंह के सर्वोच्च बलिदान के कारण ही भारत को बाद में आजादी मिली और देश अब आजादी के 75 वें वर्ष में है।