नई दिल्ली। कर्मचारियों के काम के घंटे आठ से नौ घंटे की जगह जल्द ही बढ़कर 12 तक हो सकते हैं। मोदी सरकार के नए नियमों के मुताबिक, कंपनियों को एक दिन में काम के घंटे बढ़ाकर 12 घंटे करने का अधिकार होगा, लेकिन फिर एक दिन और छुट्टी मिलेगी। यानी कर्मचारियों को 3 दिन की छुट्टी मिल सकेगी। साथ ही बेसिक सैलरी कुल वेतन का 50 फीसदी या इससे ज्यादा करनी होगी।
इससे ज्यादातर कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बदलाव आएगा, मूल वेतन में बढ़ोतरी से पीएफ और ग्रेच्युटी का पैसा पहले से ज्यादा कटेगा। पीएफ बढ़ने से टेक-होम या हाथ में वेतन कम हो जाएगा। यह सब 1 जुलाई से हो सकता है।
श्रम संहिता में बदलाव होगा
श्रम कानून देश के संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मोदी सरकार की योजना श्रम संहिता के नए नियमों को जल्द से जल्द लागू करने की है। हालांकि, चार श्रम संहिताओं के नियमों को लागू करने में कम से कम तीन महीने लग सकते हैं क्योंकि अभी तक सिर्फ 23 राज्यों ने ही इसके नियम बनाए हैं। चारों श्रम संहिता नियमों के लागू होने से देश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अब लेबर कोड के नए नियमों के मुताबिक सिर्फ सात राज्य ही नियम नहीं बना पाए हैं। इसमें तीन महीने और लग सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक जुलाई से लेबर कोड के नियम लागू हो सकते हैं।
सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले धन में वृद्धि होगी
ग्रेच्युटी और पीएफ अंशदान में बढ़ोतरी से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पैसे में इजाफा होगा। इससे कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद बेहतर जीवन जीने में आसानी होगी। पीएफ और ग्रेच्युटी में बढ़ोतरी से कंपनियों की लागत भी बढ़ेगी क्योंकि उन्हें कर्मचारियों के पीएफ में भी ज्यादा योगदान देना होगा। इसका सीधा असर उनकी बैलेंस शीट पर पड़ेगा।