भिलाई। भिलाई पावर हाउस स्थित फल मंडी के पीछे बस्ती में हुए अग्निकांड के बाद यहां अब केवल राख का ढेर है। इस अग्निकांड में बेघर हुए लोगों के सामने अब रोटी कपड़ा और मकान का संकट आ गया है। रविवार को भिलाई नगर निगम ने घटनास्थल का सर्वे शुरू कर दिया है। यहां नुकसान का आकलन कर पीड़ितों को मुआवजा देने की बात हो रही है।
बता दें कि शनिवार दोपहर बाद पावर हाउस फल मंडी के पीछे बनी बस्ती में आग लग गई थी। इस घटना के कारण पूरी बस्ती जलकर खाक हो गई। नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार अब तक 154 परिवारों ने पंजीयन कराया है। रविवार को निगमायुक्त प्रकाश कुमार सर्वे के निर्देश पर अधिकारियों ने घटना कल पर सर्वे शुरू किया जले हुए मकानों की नाप जोख की जा रही है। इस दौरान प्रभावित लोग पूरे समय खुले मैदान में डटे रहे।

घटना स्थल पर प्रभावितों की भीड़
सर्वे में नाम दर्ज कराने की होड़
रविवार सुबह जली हुई बस्ती के प्रभावित लोग अपने अपने घर के सामने डटे रहे। लोगों को निगम द्वारा सर्वे की जानकारी मिल गई थी। जिसके कारण वह सुबह से वहीं डटे रहें। राहत स्थल पर नाश्ते की व्यवस्था होने के बाद भी कोई वहां नहीं जाना चाह रहा था। प्रभावितों को इस बात का डर है कि किसी का नाम न छूट जाए। जिनके आशियाने जले निगम के सर्वे में अपना नाम दर्ज कराने डटे रहे।

घटना के बाद दूर दूर तक दिख्ब रही राख
पूरी जमीन रजिस्टर्ड, जमीनों के मालिक हुए सक्रिय
जिस जगह यह घटना हुई वह पूरी बस्ती अवैध है। यहां की जमीनें साड़ा के समय से रजिस्टर्ड है। आग लगने के बाद पूरी जमीन खाली हो गई है। जिन लोगों की जमीनें यहां है वे अब सक्रिय हो गए हैं। यहां रहने वाले अधिकतर लोग फल बेचने का काम करत हैं। फलमंडी में लगे होने के कारण सभी यहीं पर झुग्गियां बनाकर रहने लगे। धीरे धीरे इनकी संख्या इतनी ज्यादा हो गई कि इन्हें यहां से हटा पाना मुश्किल था।
कैंप 1 गुरुद्वारा कमेटी ने पहुंचाया दोपहर का भोजन
रविवार सुबह निगम द्वारा व्यापारियों के सहयोग से यहां के प्रभावितों के लए नाश्ते ही व्यवस्था कराई गई थी। वहीं इनके दोपहर का भोजन कैंप-1 गुरुद्वारा कमेटी द्वारा उपलब्ध कराया गया। गुरुद्वारा कमेटी द्वारा भोजन तैयार कर इनके लिए लाया गया लेकिन राहत स्थल पर ज्यादा लोग नहीं मिले। सभी अपने जले हुए घरों के सामने डटे रहे। बाद में इनके लिए भोजन मौके पर ही पहुंचाया गया।
आग लगने के कारण लेकर अब भी संशय
बस्ती में आग लगने के कारण को लेकर अभी संशय बना हुआ है। कोई कह रहा है कि यहां सिलेण्डर के कारण आग लगी तो कई चूल्हें को कारण बता रहा है। वहीं यहां फल बेचने वालों के घरों में कार्बाइड से केला पकाया जाता है तो यह भी जा रहा है कि कार्बाइड के कारण आग लगी होगी। वहीं प्रभावित लोगों यह भी कह रहे हैं कि यहां जबरन आग लगाई गई है।
उसी जगह पर चाहिए व्यवस्थापन
घटना में प्रभावित लोग कहीं और जाने को तैयार नहीं है। हालांकि निगम द्वारा व्यवस्थापन को लेकर कोई बात नहीं की है। बताया जा रहा है कि प्रभावित लोगों ने महापौर से बांस बल्ली व तालपत्री की मांग की है। प्रभावित लोग फिर से अपनी अपनी जगह पर झुग्गियां बनाना चाहते हैं। प्रभावितों का कहना है कि हमें कहीं और भेजने का प्रयास किया गया तो धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे।
भारी नुकसान की आंशका
इन झुग्गियों में रहने वाले लोगों को भारी नुकसान हुआ है। प्रभावितों का कहना है कि वे घरों से कुछ भी निकाल नहीं पाई। आग लगने के बाद तेजी से आग फैल रही थी। लोगों के सामने जान बचाने की चुनौती थी। महिलाओं ने कहीं कुछ रुए छिपाए। वहीं सोना चांदी के जेवर भी घर के साथ ही जलकर खाक हो गए। किसी का कुछ नहीं बचा है।
महिला समूह भी आगे आया
प्रभावितों की मदद के लिए यहां एक महिला समूह ने भी हाथ बढ़ाया है। महिला समूह ने महिलाओं को एक किट दिया है। जिसमें साड़िंया व अन्य जरूरी कपड़ों के साथ जरूरत की सामग्री थी। वहीं पुरुषों के लिए भी एक कपड़ों का किट दिया गया। घटना से प्रभावित लोगें की मदद के लिए कई संगठन आगे आ रहे हैं। वहीं निगम के पार्षद अपने हिस्से की मदद कर रहे हैं।
लिंक रोड के व्यापारियों बढ़ाया हाथ
पावर हाउस फल मार्केट की बस्ती में आग लगने के बाद प्रभावित परिवारों की मदद के लिए लिंक रोड़ के व्यापारियों ने भी हाथ बढ़ाया है। व्यापारी संघ के जिनेश जैन, प्रमोद अग्रवाल और उदय सिंग आदि ने प्रभावित लोगों को गद्दा, तकिया, थाली, कटोरी, ग्लास, लोटा, चादर, बाल्टी, जग, कुकर आदि दान दिए है। यही नहीं व्यापारियों ने बीती रात प्रभावितों के भोजन की व्यवस्था भी की थी।
मुआवजे के लिए किया जा रहा सर्वे
भिलाई निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे ने बताया कि प्रभावित परिवारों के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। इसके लिए निगम की टीम ने सर्वे शुरू किया है। प्रभावितों की मकानों की नापजोख के साथ ही उनको हुए नुकसान का आंकलन भी किया जा रहा है। आंकलन होने के बाद नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। व्यवस्थापन को लेकर आयुक्त ने कहा कि लंबा प्रोसेस है देख रहे हैं कि क्या हो सकता है।