तीरंदाज। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पद संभालने के एक दिन बाद ही अपने एक चुनावी वादे को पूरा करने की बात कही है। उन्होंने राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने का ऐलान किया है। सीएम धामी पहले मुख्यमंत्री होंगे जो अपने राज्य में इसे लागू करने जा रहे हैं। इस ऐलान के बाद कहीं खुशी कहीं गम वाला माहौल बन गया है।
एक ओर साधू संत सीएम के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियां इसके विरोध में खड़ी हो गई हैं। राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) लागू करने के फैसले को राज्य मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से मंजूरी भी दे दी है। सीएम धामी ने कहा है कि इसके लिए जल्द से जल्द एक कमेटी का गठन किया जाएगा और इसे राज्य में लागू किया जाएगा। उत्तराखंड में जिस सिविल कोड की लागू करने की चर्चा है, आइए जानते हैं कि आखिर क्या है यूनिफार्म सिविल कोड और क्या होगा इसका असर।
सभी धर्मों के लिए होगा एक सामान कानून
सीएम धामी के ऐलान के बाद यूनिफार्म सिविल कोड के मसौदे पर चर्चा शुरू हो गई है। राज्य में इसके लागू होने के बाद सभी धर्मों के लिए एक समान कानून होगा। इस कोड के दायरे में विवाह, तलाक, जमीन-जायदाद और उत्तराधिकार जैसे बिंदु शामिल किए जाएंगे। जो सभी धर्मों और जातियों पर समान रूप से लागू होंगे। विधानसभा चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि उत्तराखंड में भाजपा की सरकार दोबारा बनी, तो यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगा।
क्या होगा असर
- एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किया जाता है, तो वर्तमान में मौजूद सभी व्यक्तिगत कानून समाप्त हो जाएंगे। जिससे उन कानूनों में मौजूद लैंगिक पक्षपात की समस्या से भी निपटा जा सकेगा।
- यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से देश में अलग अलग धर्मों के अलग अलग कानूनों के कारण न्यायपालिका पड़ने वाला बोझ समाप्त हो जाएगा।
- अदालतों में वर्षों से लंबित पड़े मामलों के फैसले जल्द होंगे। शादी, तलाक, गोद लेना और जायदाद के बंटवारे में सबके लिए एक जैसा कानून होगा फिर चाहे वो किसी भी धर्म का क्यों न हो।
- यूनिफॉर्म सिविल कोड होने के बाद विवाह, विरासत और उत्तराधिकार सहित विभिन्न मुद्दों से संबंधित जटिल कानून सरल बन जाएंगे।
गोवा में लागू है कॉमन सिविल कोड
बता दें गोवा में पहले से कॉमन सिविल कोड लागू हैं लेकिन यह यूनिफार्म सिविल कोड से अलग है। गोवा का कॉमन सिविल कोड हिंदू पुरुषों को कुछ स्थितियों में दो पत्नी की इजाज़त देता है, लेकिन अन्य धर्म के लोगों को नहीं। ऐसे ही अन्य कारणों से गोवा और उसके इस कानून को अपवाद के तौर पर समझा जाता रहा है। यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर उत्तराखंड का अपना मसौदा होगा जिसके लिए कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया है।