तीरंदाज, जशपुर। अन्न की जगह कंकड़-पत्थर सुनने में अजीब लगे मगर जशपुर जिले में रहने वाला एक शख्स इसकी जाती जागती मिशाल है। इसे ईश्वरीय शक्ति मानने वाला यह शख्स पिछले 12 वर्षों से इस प्रकार कंकड़ पत्थर खाने का दावा कर रहा है। ईसाई धम को मानने वाला यह शख्य की प्रभु यीशु की आराधना करता है और लोगों की समस्याओं को पत्थर के रूप में अपने अंदर समाहित करने का दावा करता है।
अपनी तरह का यह अनोखा शख्स जश्पुर जिले के बगीचा विकासखंड के छिपाताला गांव का रहने वाला संतोष लाकड़ा है। संतोष अपनी अनोखी कला के लिए पूरे प्रदेश में चर्चित है। अपने घर प्रभु यीशु बड़ी फोटो अपने कमरे में रख यह शख्स लोगो की समस्याओं को दूर करने के लिए साधना करने का दावा करता है। पत्थर व कंकड़ खाने को वह ईश्वर की दी हुई शक्ति बताता है।
12 वर्षों से खा रहा है कंकड पत्थर
बताया जाता है कि संतोष लाकड़ा पिछले 12 वर्षों से इस प्रकार कंकड़-पत्थर खाकर रह रहा है। संतोष लाकड़ा का दावा है कि कंकड़-पत्थर खाने के बाद उसे और कुछ खाने की जरूरत नहीं पड़ती। इससे उसका पेट भर जाता है। यही नहीं संतोष लाकड़ा का यह भी दावा है कि कंकड़-पत्थर आसानी से पच भी जाते हैं। उसका कहना है यह ईश्वरीय शक्ति है और इसे खाने से कोई तकलीफ भी नहीं होती।
लोग हैरान आखिर कैसे कोई कंकड़ पत्थर खा सकता है?
संतोष लाकड़ा की इस अद्भुत कला को देख लोग भी हैरान है आखिर कैसे कोई कंकड़-पत्थर खाकर जीवित रह सकता है। उसकी पत्नी अलीशा लाकड़ा सहित परिवार के लोग आशंकित रहते हैं कि इससे कुछ अनहोनी न हो जाए। संतोष की पत्नी कहती हैं कि अब तक उन्होंने हजारों पत्थर खा लिए लेकिन अब तक उन्हें कोई तकलीफ नहीं हुई। उन्हें कभी डॉक्टर के पास ले जाने की जरूरत महसूस नहीं हुई।
ऐसा संभव नहीं : डॉ अर्पण जैन
स्पर्श हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ अर्पण जैन का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है। मेडिकल साइंस में पत्थर कंकड खाकर जीवित रह जाए ऐसा नहीं हो सकता। शरीर को एनर्जी आहार से मिलता है। कंकड पत्थर मिट्टी कुछ मात्रा में खा सकते हैं लेकिन एनर्जी के लिए फूड बहुत जरूरी है। यदि कोई ऐसा कर रहा है तो अविश्वसनीय है। जब देख अपनी आखों से देख नहीं लेते विश्वास करना मुमकिन नहीं। ऐसे व्यक्ति पर को कम से कम 12 दिन 24 घंटे सामने बैठाकर आब्जर्व करना होगा कि बिना अन्न के कंकड पत्थर से कैसे जीवित है।